अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद पहले चुनावों के लिए जम्मू-कश्मीर में तैयारियां जोरों पर
श्रीनगर, जम्मू। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने और पूर्ववर्ती राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में पहले चुनावों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं और जिला विकास परिषद् (डीडीसी) के चुनाव शनिवार से शुरू होने जा रहे हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। जिला विकास परिषद् के पहले चुनाव आठ चरणों में होंगे जिनमें 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक 20 जिलों में 280 सदस्यों का चयन किया जाएगा। केंद्र शासित क्षेत्र में निर्वाचित सरकार की गैर मौजूदगी में ये परिषद् क्षेत्र में प्रशासन की नई इकाई बनने वाले हैं। अधिकारियों ने कहा कि डीडीसी के साथ ही 12,153 पंचायत क्षेत्रों के उपचुनाव भी होने जा रहे हैं। इनमें से 11,814 क्षेत्र कश्मीर घाटी में और शेष 339 जम्मू में पड़ते हैं। पहले चरण के चुनाव का प्रचार बृहस्पतिवार को समाप्त हो गया और अधिकारियों ने बताया कि चुनाव के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और कोविड-19 महामारी को देखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों के प्रथम चरण में करीब 1475 उम्मीदवार मैदान में हैं। आठ चरणों में होने वाले चुनावों में पीजीएडी, भाजपा और पूर्व वित्त मंत्री अलताफ बुखारी की अपनी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। वर्ष 2018 में पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने वाले बड़े क्षेत्रीय दल नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुल 2644 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और इस चरण में सात लाख तीन हजार 620 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। पहले चरण के लिए मतदान सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक होगी। राज्य के चुनाव आयुक्त के के शर्मा ने कश्मीर प्रवासियों के लिए जम्मू और उधमपुर में विशेष मतदान केंद्र बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि वे अपने अधिकारों का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि सुरक्षित चुनाव कराने के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा।