अन्ना हजारे का स्वास्थ्य बिगड़ा, मांगों पर सरकार ने साधी चुप्पी
नई दिल्ली। लोकायुक्त का गठन समेत कतिपय मांगों को लेकर छह दिनों से भूख-हड़ताल पर बैठे समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का स्वास्थ्य बुधवार को बिगड़ गया था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से उनकी मांगों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है। उनके चिकित्सक धनंजय पोटे ने संवाददाताओं को बताया कि हजारे का रक्तचाप बढ़ा हुआ है जबकि शरीर में शुगर (शर्करा) का स्तर घट गया था जिससे उनको थकान महसूस हो रही है।
अन्ना हजारे के स्वास्थ्य की देखभाल करने महाराष्ट्र के रालेगांव सिधी से आए पोटे ने कहा, ‘‘दोपहर तीन बजे जब अन्ना जी के स्वास्थ्य की जांच की गई तो उनकी रक्तचाप 186/100 थी। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक, उनके शरीर में रक्त शर्करा का सतर घट गया है।’’
पोटे ने बताया कि बोलने में उनको तकलीफ हो रही है इसलिए शाम पांच बजे में तय उनकी प्रेसवार्ता रद्द कर दी गई।
अन्ना टीम के कोर कमेटी सदस्य सुशील भट ने कहा कि हजारे ने मंगलवार को कहा कि केंद्र उनकी मांगों को लेकर बुधवार को एक कार्ययोजना लाएगी। हालांकि अधिकारियों ने पूरे दिन कोई औरचारिक संवाद स्थापित नहीं किया।
हजारे केंद्र व राज्यों में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए लोकायुक्त का गठन करने का दबाव डाल रहे हैं। इसके अलावा वह चुनाव सुुधार लाने और देश में कृषि क्षेत्र के संकट को दूर करने के लिए एम. एस. स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार तकरीबन सभी मांगें मानने को तैयार है लेकिन सरकार का समय बद्ध तरीके से मांगों को अमल में लाने को लेकर कोई स्पष्ट रुख नहीं है।
उधर, पिछले साल लोकसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता नाना पटोले बुधवार को फोन किया।
उधर, रामलीला मैदान में बुधवार को अन्ना के आंदोलन में भीड़ भी घट गई थी। तकरीबन 2,000 लोग वहां मौजूद थे जबकि एक दिन पहले काफी तादाद में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
पटोले ने कहा कि गुरुवार को किसानों के भूख हड़ताल में शामिल होने से करीब 10,000 लोग यहां जुटेंगे।
इस बीच अन्ना टीम के सदस्यों ने बुधवार को कनॉट प्लेस में मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।