अब आधार सत्यापन के लिए जरूरी होगी चेहरे की पहचान, 15 सित. से पहला चरण
नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार की सुरक्षा तरफ से एक और कदम उठाया गया है। आधार के किसी भी इस्तेमाल के लिए अब चेहरे की पहचान होना जरूरी होगा। विभिन्न सेवाओं समलन नया सिमकार्ड लेने, बैंक आदि में पहचान पत्र के तौर पर पेश किए जाने पर आधार के साथ यह नया फीचर लागू होगा। ये सुविधा पहले दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ 15 सितंबर को शुरु की जा रही है। प्राधिकरण ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योगना बनाई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था।
फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन के अलावा चेहरा मिलान एक अडिशनल फीचर होगा। यूआईडीएआई के मुताबिक यह नया फीचर आधार को सुरक्षा की अतिरिक्त लेयर प्रदान करता है। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे की मानें तो, अब तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कुछ बुजुर्गों के फिंगर प्रिंट्स उम्र की वजह से मिट गए और उन्हें आधार सत्यापन से बाहर कर दिया गया। लेकिन यह नया फीचर ऐसी समस्याओं में भी कारगर साबित होगा।
यूआईडीएआई द्वारा जारी पत्र के मुताबिक आगामी 15 सितंबर से टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को महीने में कम से कम 10 प्रतिशत फोटो से चेहरे का लाइव (सीधे) मिलान करके सत्यापन करना जरूरी होगा। अगर इस प्रकार के सत्यापन का अनुपात इससे कम हुआ तो प्रति सत्यापन 20 पैसे का जुर्माना भी लगाया जाएगा।