अब गोवा में लगा कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व CM समेत 8 विधायक BJP में होंगे शामिल
कांग्रेस के लिए मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. लंबे समय से कई दिग्गज नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. अब इस लिस्ट में गोवा भी शामिल हो गया है और यहां पर बड़ी फूट की खबर आ रही है. कांग्रेस के 8 विधायक आज बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने वाले दिग्गज नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत जैसे बड़े चेहरे भी हैं जो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.गोवा राजनीति में आज बड़ी हलचल है क्योंकि कांग्रेस में बड़ी फूट के आसार दिख रहे हैं और उसके 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. ये सभी 8 विधायक फिलहाल गोवा विधानसभा में मौजूद हैं.
40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के थे 11 विधायक
बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख सदानंद शेत तनावड़े ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गोवा में कांग्रेस के आठ विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 11 जबकि बीजेपी के 20 विधायक हैं. साल 2019 में भी इसी प्रकार कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ दिख रही फोटो में कांग्रेस के ये 8 विधायक नजर आ रहे हैं. इनमें दिगंबर कामत के अलावा माइकल लोबो, दिलायला लोबो, राजेश फळदेसाई, रुदाल्फ फर्नांडिस, अलेक्स सिक्वेरा, केदार नाईक और संकल्प आमोणकर शामिल हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत जैसा बड़ा चेहरा भी बीजेपी में जा सकता है. दिगंबर कामत के अलावा विपक्ष के नेता माइकल लोबो भी विधानसभा में मौजूद हैं और उनके भी कांग्रेस छोड़ने की खबर है. इस बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी गोवा विधानसभा पहुंच गए हैं.
दिगंबर कामत की घर वापसी
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार दिगंबर कामत गोवा में पार्टी का बड़ा चेहरा थे और वो लगातार चार बार कांग्रेस के टिकट से मडगांव सीट पर चुनाव जीतते आ रहे थे. इससे पहले कामत बीजेपी में ही थे. बीजेपी के उनके पुराने कार्यकाल को मिला लिया जाए तो वो लगातार 7 बार से मडगांव के विधायक चुने गए. अब कामत एक बार फिर से घर वापसी करते हुए बीजेपी में शामिल होने की तैयारी में हैं.गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक इस बार चुनकर विधानसभा पहुंचे थे. इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी गोवा कांग्रेस के 17 में से 15 विधायक पार्टी छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो गए थे. और विधानसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस के पास सिर्फ दो ही विधायक बचे रह गए थे, जिनमें से खुद एक कामत थे. इतनी बड़ी संख्या में होने वाले दलबदल के चलते कांग्रेस ने चुनावों से पहले विधायकों को दलबदल न करने की शपथ भी दिलाई थी.