अब ‘फेक न्यूज़’ देने पर हो सकती है पत्रकार की मान्यता रद्द, पत्रकारों ने बुलाई बैठक
नई दिल्ली: ‘फेक न्यूज़’ यानि गलत खबर चलाने पर अब पत्रकारों की मान्यता रद्द हो सकती है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बढ़ते फेक न्यूज़़ को देखते हुए यह फैसला लिया गया गया है. नए नियम की समीक्षा के लिए पत्रकारों ने आज शाम 4 बजे इमरजेंसी बैठक बुलाई है.
कौन करेगा जांच?
कौन सी खबर फेक न्यूज है और इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है इसकी जांच काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) और न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) करेगी. दोनों संस्थाओं को शिकायत मिलने के बाद 15 दिनों में जांच पूरी करनी होगी. एक बार शिकायत दर्ज कर लिए जाने के बाद आरोपी पत्रकार की मान्यता जांच के दौरान भी निलंबित रहेगी.
क्या है सजा का प्रावधान?
अगर कोई पत्रकार पहली बार फेक न्यूज़ प्रसारित करता है तो उस पत्रकार की 6 महीने के लिए मान्यता निलंबित की जाएगी, दूसरी बार साल भर के लिए और तीसरी बार दोषी पाये जाने पर हमेशा के लिए मान्यता रद्द की जा सकती है.
अहमद पटेल का निशाना और स्मृति ईरानी का पलटवार
कांग्रेस नेता और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ”मैं फेक न्यूज पर अंकुश के प्रयास की सराहना करता हूं, लेकिन मेरे मन में कई सवाल उठ रहे हैं. 1. क्या गारंटी है कि इस नियम का इस्तेमाल ईमानदार पत्रकारों को प्रताड़ित करने के लिए नहीं किया जाएगा? 2. यह कौन तय करेगा कि क्या फेक न्यूज है?”
उन्होंने कहा, ”3. क्या यह संभव नहीं है कि जानबूझ कर किसी के खिलाफ शिकायत की जाए, ताकि जांच जारी रहने तक उसकी मान्यता निलंबित हो जाए? 4. इसकी क्या गारंटी है कि ऐसे गाइडलाइन से फेक न्यूज पर रोक लगेगी, कहीं यह सही पत्रकारों को सत्ता के खिलाफ असहज खबरें जारी करने से रोकने की कोशशि तो नहीं?”
सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने अहमद पटेल को जवाब देते हुए कहा, ”यह बताना उचित होगा कि फेक न्यूज के मामले पीसीआई और एनबीए के द्वारा तय किए जाएंगे, दोनों एजेंसियां भारत सरकार के द्वारा रेगुलेट या ऑपरेट नहीं की जाती हैं.”
हाल ही में फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में बेंगलुरू पुलिस ने पोस्टकार्ड न्यूज़ के एडिटर महेश विक्रम हेगड़े को गिरफ्तार किया था. महेश की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधा था. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनंत हेगड़े ने ट्विट कर कहा था, “सिद्धारमैया सरकार को शर्म आनी चाहिए जो महेश हेगड़े को गिरफ्तार कर तानाशाह जैसा बर्ताव कर रही है. बुजदिलों जैसे कदम उठाने की बजाए हमसे लोकतांत्रिक तरीके से लड़िए.”
वहीं कई पत्रकारों ने पोस्टकार्ड न्यूज़ के एडिटर की गिरफ्तारी को सही ठहराया था. महेश विक्रम हेगड़े ने एक ट्विट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि एक जैन मुनि पर कथित तौर पर एक मुसलमान ने हमला किया. जबकि पुलिस के मुताबिक यह सड़क दुर्घटना थी.
हाल ही में मलेशिया सरकार ने फेक न्यूज़ के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए फेक न्यूज पर अधिकतम छह साल जेल की सजा वाला कानून पारित किया था.