अमित शाह का राहुल गांधी पर तंज, कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं
धारवाड़ (कर्नाटक)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सदन के बजट सत्र का दूसरा चरण गतिरोध के भेंट चढ़ जाने के लिए गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि एक पार्टी, जिसमें आंतरिक लोकतंत्र की कमी है, वह देश में लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकती। कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी पर धर्म व जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोग उनकी रणनीति को देख रहे हैं और आगामी चुनाव में वे इसका माकूल जवाब देंगे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मार्च और अप्रैल में जो भी संसद में हुआ वह अभूतपूर्व था। शाह पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बी. एस. येद्दियुरप्पा और अन्य सांसदों के साथ पार्टी के एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
शाह ने जनसभा में कहा, ‘‘राहुल गांधी के रुख के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई। आजादी के बाद से हमेशा सत्ताधारी पार्टी चर्चा से भागती रही है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्तारूढ़ दल बहस के लिए तैयार है, जबकि विपक्ष में साहस की कमी है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन कांग्रेस ने छोटे दलों को उकसाकर कार्यवाही को बाधित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बैंक धोखाधड़ी मामले पर चर्चा के लिए तैयार हैं। एक भी भाजपा नेता और मंत्री इसमें संलिप्त नहीं है। लेकिन अगर भ्रष्ट कांग्रेस नेताओं की सूची बनाई जाए तो पूरी पार्टी ही उसमें लिप्त पाई जाएगी।’’ शाह ने कहा, ‘‘आजादी के बाद से अगर किसी सरकार ने आंध्र में सबसे ज्यादा काम किया है तो वह है नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, अध्यक्ष (सुमित्रा महाजन) और वेंकैया नायडू ने विपक्ष को मनाने का अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया ताकि बजट सत्र लाभकारी हो सके।’’ शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती। राहुल बाबा लोकतंत्र पर हमें उपदेश न दें। आप यह न भूलें कि आपकी दादी (इंदिरा गांधी) ने आपातकाल लागू किया था और लोगों को आवाज को रौंद दिया था।’’
शाह ने कहा कि कांग्रेस देश में लोकतंत्र की सुरक्षा नहीं कर सकती, क्योंकि उसके पास आंतरिक लोकतंत्र ही नहीं है। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर सत्ता के लिए विभाजनकारी राजनीति का प्रसार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति का प्रसार करना कांग्रेस की प्रवृत्ति रही है। इस देश के लोग उनकी सभी रणनीतियों को भलीभांति जानते हैं।’’
शाह भले ही लोकतंत्र की सुरक्षा का दावा करें, लेकिन देश में तो चर्चा चल रही है कि आरबीआई, निर्वाचन आयोग, एसएससी, सीबीएसई सहित कई बड़ी संस्थाओं से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है और अब तो सर्वोच्च न्यायालय तक में उठापटक शुरू हो चुका है, चार साल में लोकतंत्र की कैसी दशा हो गई है।