अमेरिका के टॉप एक्सपर्ट एंथनी फाउची बोले- डेल्टा से कम खतरनाक है ओमीक्रॉन वेरिएंट
अमेरिका के शीर्ष चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमीक्रॉन वेरिएंट देशभर में तेजी से फैल रहा है, लेकिन शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह संभवत: वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) से कम खतरनाक है. डेल्टा के कारण अमेरिकी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फाउची ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि ओमीक्रॉन की गंभीरता के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले वैज्ञानिकों को और सूचना एकत्रित करने की आवश्यकता है.
ओमीक्रॉन वेरिएंट का पहला मामला दुनिया में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था. दक्षिण अफ्रीका से प्राप्त खबरों में कहा गया है कि लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर तेजी से नहीं बढ़ी है (Omicron Variant Cases in US). फाउची ने कहा कि बाइडेन प्रशासन कई अफ्रीकी देशों से यहां आने वाले अन्य देशों के नागरिकों के प्रवेश पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा है. क्षेत्र में ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद ये प्रतिबंध लागू किए गए थे, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस प्रकार के कदमों की निंदा की है.
प्रतिबंध हटाने की उम्मीद जताई
फाउची ने कहा, ‘उम्मीद है कि हम उचित समय में प्रतिबंध को हटा पाएंगे. केवल दक्षिण अफ्रीका ही नहीं, बल्कि अन्य अफ्रीकी देशों को जिस मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, हम उसे लेकर बहुत बुरा महसूस करते हैं.’ अमेरिका में ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस (US Coronavirus Delta Variant) के अधिकतर मामलों का कारण डेल्टा वेरिएंट है. देश में 99 फीसदी से अधिक मरीज डेल्टा से संक्रमित हैं. अमेरिका में कोविड-19 से अब तक 7,80,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका ने यात्रा प्रतिबंध सख्त किए
अमेरिका ने ओमीक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण को रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंधों को सख्त कर दिया है. उसने भारत समेत अन्य देशों से यहां आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 की ‘निगेटिव’ जांच रिपोर्ट साथ लाना या संक्रमण से उबरने का सबूत लाना अनिवार्य बना दिया है (US New Travel Rules). यह नया नियम छह दिसंबर से प्रभाव में आएगा. स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के तहत आने वाले रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने यह जानकारी दी है.