अमेरिका में चुनाव से ठीक पहले एक और अश्वेत की पुलिस द्वारा हत्या
फिलाडेल्फिया में पुलिस ने 27 साल के अश्वेत को चाकू नीचे फेंकने को कहा और उसके बाद उसको गोली मार दी. अश्वेत वॉल्टर वॉलेस जूनियर की पुलिस शूटिंग में मौत के बाद शहर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और लोगों ने सड़कों पर उतरकर पुलिस द्वारा कथित हत्या पर अपना विरोध दर्ज कराया. इस घटना के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में 30 से अधिक लोग घायल हो गए और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस प्रवक्ता तान्या लिटिल ने बताया कि पुलिस को सोमवार को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति हाथ में हथियार लिए हुए है. इसके बाद पुलिस अफसर कॉब्स क्रीक इलाके में पहुंचे जहां उनका सामना वॉलेस से हुआ. वॉलेस के हाथ में चाकू था, पुलिस ने उनसे चाकू फेंकने को कहा. लिटिल के मुताबिक वॉलेस पुलिस अफसर की ओर बढ़ गए और दोनों अफसरों ने “कई बार” गोली चलाई. वॉलेस के कंधे और छाती पर गोली लगी. लिटिल के मुताबिक एक अफसर ने वॉलेस को अस्पताल पहुंचाया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
वॉलेस की मौत के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया. मंगलवार तड़के तक पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा शांत होता नजर नहीं आया. कई बार प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं.
पीड़ित परिवार के वकील का कहना है कि वह मानसिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे थे और परिवार ने एंबुलेंस के लिए फोन किया था ना कि पुलिस के दखल के लिए. पुलिस की फायरिगं का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दूसरी ओर पुलिस की दलील है कि वॉलेस चाकू पकड़े हुए थे और उन्होंने पुलिस के आदेश को नहीं माना. लेकिन वॉलेस के माता-पिता का कहना है कि पुलिस को पता था कि उनका बेटा मानसिक बीमारी से ग्रसित है. वॉलेस की मां कैथी वॉलेस ने कहा, “वे वहां खड़े थे और हम पर हंस रहे थे.”
वॉलेस की पत्नी गर्भवती हैं और उनके नौ बच्चे हैं. प्रेस वार्ता में वॉलेस के दो बच्चों ने बहुत ही कम बात की. वॉलेस की मौत के बाद मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने दुकानों में लूटपाट की और वहां से फरार हो गए. फिलाडेल्फिया में अशांति की आशंका को देखते हुए सैकड़ों नेशनल गार्ड कर्मियों की तैनाती की तैयारी की जा रही है.
अमेरिकी चुनाव में ब्लैक लाइव्स मैटर का मुद्दा अहम है और ऐसे में चुनाव से ठीक पहले एक और पुलिस द्वारा अश्वेत की मौत पुलिस बल के रवैये पर कई सवाल खड़े करते हैं. गौरतलब है कि पुलिस हिरासत में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका समेत दुनिया भर में उग्र विरोध प्रदर्शन हुए थे.