‘अयोध्या में राम मंदिर अब 2025 से पहले नहीं बनेगा’
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोदी सरकार पर दो तरफ से हमला बोल दिया है। एक तरफ जहां राम मंदिर के मुद्दे पर संघ ने केंद्र के टालमटोल रवैये पर सवाल उठाया है तो दूसरी तरफ बॉर्डर पर लगातार शहीद हो रहे जवानों को लेकर भी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। संघ के दो बड़े नेता, एक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने गढ़ नागपुर से तो दूसरे संघ के सर-कार्यवाह भैयाजी जोशी ने प्रयागराज से मोदी सरकार पर निशाना साधा है।अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ न होने से संघ समेत तमाम हिंदू संगठन मोदी सरकार से नाराज हैं लेकिन ये पहला मौका है जब संघ ने इसे लेकर मोदी सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधा है। प्रयागराज में कुंभ मेले में एक कार्यक्रम के दौरान संघ नेता भैया जी जोशी ने केंद्र की मोदी सरकार पर व्यंग्य करते हुए कहा राम मंदिर 2025 में बनेगा तभी देश की विकास की गति भी तेज होगी।
ऐसे में जब राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, 29 जनवरी को नई बेंच सुनवाई करने वाली है और खुद प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि राम मंदिर निर्माण उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है लेकिन इस पर वो कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे तब संघ का ये बयान कि राम मंदिर 2019 या 2024 से पहले नहीं बल्कि 2025 में बनेगा थोड़ा हैरान करने वाला है।
सवाल है कि क्या संघ राम मंदिर को लेकर केंद्र सरकार के टालमटोल रवैये से इतना निराश हो गया है। निराशा भी इतनी कि क्या संघ ये मान चुका है कि मोदी सरकार इस कार्यकाल में राम मंदिर को लेकर कोई कदम नहीं उठाने वाली है। संघ नेता भैयाजी मानते हैं कि राम मंदिर सिर्फ एक मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था और सम्मान से जुड़ा मुद्दा भी है ऐसे में उनके 2025 में राम मंदिर बनने के बयान का मतलब क्या है।
अगर भैयाजी जोशी ने राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए तो इसी दिन खुद संघ प्रमुख ने भी बॉर्डर पर मोदी सरकार की नाकामी गिनाई और कह दिया कि सरकार को बॉर्डर की सुरक्षा इजराइल से सीखनी चाहिए।
ये पहला मौका है जब संघ ने इस तरह से एक नहीं दो-दो मुद्दों पर सरकार को घेरा है। संघ प्रमुख जहां देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए इजराइल से सीखने की सलाह दे रहे हैं वहीं उनके जूनियर राम मंदिर पर टालने वाले रवैये पर नाराजगी जाहिर की है।