अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर ED की कार्रवाई जारी, दूसरे घर में भी मिला कुबेर का खजाना
पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है। बुधवार को भी कोलकाता के आसपास 3 जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से छापेमारी की गई। इस दौरान अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित एक और फ्लैट पर ईडी ने छापेमारी की। ईडी की इस छापेमारी में करीब 29 करोड रुपए कैश और 5 किलो के आसपास सोना बरामद हुआ है। कैश की मात्रा इतनी थी कि ईडी को इसे गिनने में 10 घंटे का समय लग गया। हैरान करने वाली बात तो यह है कि अर्पिता ने यह सारा पैसा फ्लाइट के टॉयलेट में छिपा रखा था। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले में कार्यवाही कर रही है। इसी सिलसिले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार भी किया गया है। उल्लेखनीय है कि जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे।इससे पहले ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के एक फ्लैट से करीब 21 करोड़ और कीमती सामान बरामद किए थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था। यही कारण है कि अब पार्थ चटर्जी की भी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस में भी पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग उठने लगी है। ईडी पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मनिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को फ्लैट के दरवाजे तोड़ने पड़े। मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी।एक अधिकारी ने बताया कि हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है। हमने रुपयों की गिनती के लिए तीन मशीनें मंगवाई हैं, ताकि पता चले कि वास्तव में कितनी राशि है। उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई ‘‘अहम’’ दस्तावेज बरामद हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का ‘‘रवैया असहयोगात्मक’’ है। गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है। वहीं, ईडी घोटाले में धनशोधन के कोण से जांच कर रहा है।