अलगाववादियों से कोई समझौता नहीं करेगी मोदी सरकार!
श्रीनगर। कश्मीर के अलगाववादी नेताओं द्वारा केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार होने वाली खबरों के बीच आज सरकार ने बातचीत की संभावनाओं पर अप्रत्यक्ष रूप से इंकार करते हुए कहा गया कि केंद्र सरकार अलगाववादियों से समझौता नहीं करेगी। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अलगाववादियों की शर्ते मानने से इनकार कर दिया है। पिछले दिनों हुर्रियत और अलगाववादियों ने सरकार से बातचीत की पेशकश की थी। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि अभी तक जो होता रहा है. अब वो नहीं होगा।
जो भी दोषी उसके खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई…
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह कल जम्मू कश्मीर के दौरे पर भी जाने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर को लेकर हुई बैठक में अमित शाह ने कहा है, ‘अभी तक जो होता रहा है अब वो नही होगा। संविधान और कानून के दायरे में ही बातचीत होगी।’ उन्होंने कहा, देश से बडा कोई नहीं है. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।’गृह मंत्री अमित शाह के इस स्पष्ट और कड़े रूख से हुर्रियत नेताओं में हडकंप है। हुर्रियत नेता अब बातचीत के लिए नए रास्तों की तलाश कर रहे हैं। कल अमित शाह के कश्मीर दौरे पर भी बातचीत की पेशकश हो सकती है। दरअसल, कई हुर्रियत और अलगाववादी नेता टेरर फंडिग के मामले में जेल में हैं। इस वजह से हुर्रियत लीडरशिप दवाब में है। जेल में बंद कई नेता हुर्रियत लीडरशिप पर अपना दवाब डाल रहे हैं।
वही इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जम्मू कश्मीर मसलों के प्रभारी अविनाश राय खन्ना द्वारा श्रीनगर में पार्टी की एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए देश के संविधान और कानून में विश्वास होना अनिवार्य है और जो लोग ऐसा नहीं करते उनसे बातचीत करने का कोई मतलब ही नहीं है। खन्ना ने आगे कहा कि अलगाववादी नेता अब बातचीत के रास्ते पर इसलिए आ रहे है क्यूंकि केंद्र सरकार ने उसकी असलियत को कश्मीर की जनता के सामने बेनकाब किया है जिसे लोगों ने अच्छे से समझा भी है और इसी के बाद से अब अलगाववादी नेता बातचीत को तैयार होने लगे है।