बीते कुछ महीनों से आवश्यक वस्तुओं और ईंधन के मूल्य में लगातार हो रही वृद्धि के कारण के आम लोगों के घर का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। अब लगातार बढ़ती महंगाई पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की प्रतिक्रिया आई है।
पीयूष गोयल ने कहा, ‘पूरे विश्व में महंगाई है, अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति है, कोविड महामारी और अब रूस यूक्रेन संघर्ष का असर है। अलग-अलग देशों से हमलोग बातचीत कर रहे हैं कि कैसे नियंत्रण किया जाए। कल ब्राजील से बात की है इसी संदर्भ में। अन्य उपाय भी कर रहे हैं।’
गोयल ने आगे कहा, ‘पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए खर्च हुआ, जिसमें 80 करोड़ आबादी को एक हजार लाख टन अनाज दिया गया है। पहले राजनीति में एंटी इनकंबेंसी होती थी, अब प्रो इनकंबेंसी है। महामारी के बावजूद देश में गरीबी घटी है।’बकौल पीयूष गोयल, गरीब के लिए खर्च करना कभी बोझ नहीं रहा। मोदी सरकार की ये प्राथमिकता थी और आगे भी रहेगी। चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं। चुनावी लेंस से इस योजना को देखना गरीबों के साथ अन्याय। अभी सितंबर तक योजना है। गेहूं,चावल ,चीनी आदि तमाम खाद्य पदार्थों की पर्याप्त मात्रा है, भारत ऐसा देश है जो अपने साथ दुनिया की चिंता करता है। इसलिए पीएम ने प्रस्ताव दिया है कि अगर WTO इजाजत दे तो भारत बड़े दिल और बड़े मन से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है। तेलंगाना के लोगों को बताना चाहेंगे कि पूरे देश में एक ही पॉलिसी है।’