अल-नीनो का हो रहा है प्रभाव कम, अब मानसून होगा ज्यादा सक्रिय
नई दिल्ली। मानसून के पहले से बेहतर रहने की संभावना अब बताई जा रही है। इसका मुख्य कारण अल-नीनो का पिछले महीने से कमजोर होना। मौसम विभाग के अनुसार यह अगले एक या दो महीने में गायब हो जाएगा। प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आए बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को अल-नीनो (अल-नीनो या अल-निनो) कहा जाता है।
इसका परिणाम ये होता है कि समुद्र के सतह के जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका विस्तार 3 डिग्री दक्षिण से 18 डिग्री दक्षिण अक्षांश तक रहता है। इससे भारतीय मानसून कमजोर हो जाता है। भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो की मौजूदगी से जून में मानसून पर प्रभाव पड़ा। इसमें 33 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानसून पर छाई अल-नीनो की छाया अब घट रही है जो मानसून के लिए अच्छी खबर है।