अविश्वास प्रस्ताव से पहले शिवसेना ने दिया भाजपा को झटका, लिया ये बड़ा फैसला
नई दिल्ली : कांग्रेस और टीडीपी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना ने अपना रुख साफ कर दिया है. वह इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बाद होने वाली वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी. एक तरह से उसने केंद्र की एनडीए सरकार को झटका दिया है. इससे पहले माना जा रहा था कि शिवसेना संसद में केंद्र सरकार के साथ खड़ी होगी. वह वोटिंग में हिस्सा लेगी. क्योंकि गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने समर्थन देने के लिए फोन किया था. अविश्वास प्रस्ताव से पहले शिवसेना संसदीय दल की बैठक हुई. बैठक के बाद शिवसेना के संजय राउत ने कहा, कि उनकी पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे. संजय राउत ने कहा, देश में इस समय जैसे हालात हैं, हम ऐसे में यही निर्णय ले रहे हैं. हम तकनीकी रूप से भाजपा के साथ हैं. लेकिन इस अविश्वास प्रस्ताव का नतीजा सभी को पता है.शिवसेना सिर्फ वोटिंग ही नहीं बल्कि पूरे दिन की कार्यवाही में ही हिस्सा नहीं लेगी. इस बारे में शिवसेना के सांसद आनंदराव अदसुल ने कहा, हमने पूरे दिन की कार्यवाही का ही बहिष्कार किया है. इसीलिए हमारे सांसदों ने अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर ही नहीं किए.संजय राउत ने कहा, भाजपा के पास संख्या है. ऐसे में सरकार को कोई खतरा नहीं है. लेकिन सरकार जनता के बीच भरोसा खो चुकी है. कई मुद्दे हैं, जिन पर बात हाे सकती है. लेकिन हम इस प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग का बहिष्कार करेंगे.इस प्रस्ताव पर बहस शुरू होने से पहले ही बीजू जनता दल के सभी सदस्याें ने सदन से वॉकआउट कर दिया. यह पहले से तय माना जा रहा था कि बीजेडी और टीआरएस इस वोटिंग और बहस में हिस्सा नहीं लेगी. दोनों ही दल कह चुके हैं कि वह न तो कांग्रेस के साथ हैं और न ही भाजपा के साथ.