आतंक पर इमरान खान का सबसे बड़ा कबूलनामा, अमेरिका में एक इंटरव्यू के दौरान दिया यह बड़ा बयान
नई दिल्ली: आतंकियों से संबंध को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। इमरान खान ने माना है कि पाकिस्तान की आर्मी और खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकियों को ट्रेनिंग देते आई है। अमेरिका की काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के अध्यक्ष रिचर्ड एन हास को दिए एक इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने माना कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ने आतंकी संगठन अलकायदा और उसके जैसे बाकी संगठनों को ट्रेनिंग दी है।
इतना ही नहीं इमरान खान ने ये भी माना है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अलकायदा से गहरे संबंध रहे हैं। ये वो कड़वा सच है जिसे पाकिस्तान हमेशा से छिपाता आया है लेकिन अब ये खौफनाक साज़िश पूरी दुनिया के सामने आ चुकी है। ये शर्मिंदगी भरा कबूलनामा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उसी अमेरिका में किया है जहां वो आतंक के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते दिखाई देते हैं।
इमरान से पूछा गया था कि अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की ऐबटाबाद में मौजूदगी और यूएस नेवी सील्स के हाथों मारे जाने की घटना की पाकिस्तान की सरकार ने जांच क्यों नहीं कराई? इस पर इमरान ने कहा, ‘हमने जांच की थी, लेकिन मैं कहूंगा कि पाकिस्तान आर्मी, आईएसआई ने 9/11 से पहले अल कायदा को ट्रेंड किया था इसलिए, हमेशा लिंक जुड़ते रहे। आर्मी में कई ओहदेदार 9/11 के बाद बदली नीति से सहमत नहीं हुए।’
ट्रंप की ओर इशारा करते हुए इमरान ने कहा कि वर्ल्ड लीडर यह नहीं समझते हैं कि पाकिस्तान में कट्टरता कैसे आई। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने 1980 में अमेरिका की मदद से सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद छेड़ा था। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका की मदद से ISI ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से आतंकियों को बुलाकर ट्रेनिंग दी ताकि वे सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद कर सकें।’ इमरान ने कहा तब अमेरिकी राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने उन्हें वॉशिंगटन बुलाया और उनकी शान में कसीदे पढ़े थे।
इमरान खान कबूल कर रहे हैं कि पाकिस्तान की आर्मी आतंकियों को ट्रेनिंग देती है लेकिन वो अभी भी बाज़ नहीं आ रहे हैं। वो एक बार फिर बड़ी साज़िश की तैयारी में लगा है। इसी साज़िश का खुलासा किया आर्मी चीफ बिपिन रावत ने। पाकिस्तान एक बार फिर बालाकोट सेंटर से बड़ी साजिश रचने में जुटा है।
पता चला है कि पाकिस्तान ने फिर से टेरर कैंप बालाकोट को रिएक्टिवेट किया है ताकि एक बार फिर से भारत में आतंकी साजिश को अंजाम दे सके। यानि अल कायदा की तरह ही जैश और लश्कर के आतंकियों को भी पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई ट्रेनिंग दे रही है। टेरर कैंप बालाकोट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।