इस दिवाली पर पटाखों के धुएं और प्रदूषण से खुद को इस तरह बचाएं
रोशनी के त्योहार दीवाली पूरे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर खूब पटाखे जलाए जाते हैं लेकिन आपकी जरा सी लापरवाही आपके इस पर्व का पूरा मजा किरकिरा कर सकती है। जी हां अगर पटाखे हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो इन्हें इस्तेमाल करने से पहले एक बार सोचने की जरूरत है।
दिल्ली सहित अन्य महानगरों में प्रदूषण का लेवल दिवाली के दिनों में सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में अपनी हेल्थ का कैसे ख्याल रखा जाए और किस तरह बीमार व्यक्ति और बुजुर्गो की देखभाल की जाए, यह जानना बहुत ही जरूरी है।
डॉक्टर्स के अनुसार अस्थमा, सीओपीडी या एलर्जिक रहाइनिटिस से पीड़ित मरीजों की समस्या इन दिनों बढ़ जाती है। पटाखों में मौजूद एक छोटा सा भी कण उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस कण का असर सीधे उनके फेफड़ों पर पड़ता है।
अस्थमा रोगी ऐसे करें बचाव
पटाखों के कारण फेफड़ों में सूजन आ सकती है। जिसके साथ ही वह ठीक से काम करना बंद कर सकते हैं। पटाखों के धुएं के कारण दमा या फिर अस्थमा का अटैक आ सकता है। जिसके कारण व्यक्ति की मौत तक हो सकती हैं। ऐसे में आप को थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है। अगर किसी को सांस संबंधी समस्या है तो वह खुद को प्रदूषित हवा से बचा कर रखे।
स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा
पटाखों के धुएं के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। जब आप सांस लेते हैं तो यह प्रदूषित धुआं आपके अंदर जाता है जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आने लगती है। इस वजह से दिमाग में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है जो स्ट्रोक का कारण बनता है।
प्रेग्नेंट महिलाएं
बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पटाखों के धुएं और शोर से बचकर रहना चाहिए। इस धुएं के कारण बच्चों को सांस की समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा पटाखों में खतरनाक केमिकल होता है जिसके कारण बच्चों में भी टॉक्सिन्स का लेवल बढ़ जाता है और उनके विकास में रुकावट पैदा करता है। इसके साथ ही इस धुएं के कारण गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पटाखों से दूरी बना कर रहें। जितना हो सके घर के अंदर ही रहे, धुएं और पटाखों के संपर्क में आने से बचें।
बीमार व्यक्ति और बच्चों की देखभाल
छोटे बच्चों और बुजुर्गों का दिवाली मौके पर खुद का ख्याल ज्यादा रखना होगा। क्योंकि इनके फेफड़े बहुत ही ज्यादा कमजोर होते है। इतना ही नहीं कई बार बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति पटाखों के शोर के कारण दिल के दौरे का शिकार हो जाते हैं। इसलिए पटाखे फोड़ने से पहले अपने आसपास मौजूद लोगों के बारे में एक बार सोचे जरूर।
प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानियां
- कोशिश करें कि पटाखे न जलाएं क्योंकि इससे निकलने वाली कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसी गैसें दमा के मरीजों के लिए खतरनाक है।
- एलर्जी से बचने के लिए अपने मुंह पर रूमाल या फिर कपड़ा बांधे।
- दमा के मरीज है तो हमेशा अपने साथ इन्हेलर रखें। जिससे सांस की समस्या होने पर तुरंत यूज कर सके।
- अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही हो तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।
- दिवाली की रात घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद करके रखें। जिससे पटाखों का धुंआ अंदर प्रवेश न कर पाए।