उत्तराखंड में 150 से ज्यादा लोग लापता, 10 शव बरामद – आईटीबीपी
चमोली । उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के रेणी गांव में रविवार को एक ग्लेशियर के फटने के बाद आई बाढ़ में लगभग 150 लोग लापता हो गए हैं या ‘मृत’ होने की आशंका जताई जा रही है। आईटीबीपी के जवान वहां बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन से प्राप्त हालिया जानकारी का हवाला देते हुए, आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया कि घटनास्थल से अब तक कम से कम 10 शव बरामद किए गए हैं, और कई लोगों को बचाया गया है, जबकि अन्य व्यक्तियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
घटनास्थल से प्राप्त अपनी प्रारंभिक जानकारी में, आईटीबीपी ने एक बयान के माध्यम से कहा था कि ‘तपोवन एनटीपीसी कार्यस्थल के इंचार्ज के अनुसार, बैराज में 100 से अधिक मजदूरों और सुरंग में 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.. लगभग 150 लोग लापता हैं।’
इन सूचनाओं को स्पष्ट करते हुए, पांडे ने कहा, “चूंकि 150 लोग अभी भी लापता हैं, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि सभी की मौत हुई है या नहीं। उनकी मौत होने की संभावना है या वे लापता हो सकते हैं। लापता व्यक्तियों को सात साल तक मृत घोषित नहीं किया जा सकता है।”
आईटीबीपी ने कहा कि ऋषि गंगा में सुबह लगभग 10.45 बजे एक ग्लेशियर गिरने से जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई और अचानक बाढ़ आ गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लापता होने वालों की संख्या 125 बताई है। साथ ही उन्होंने इस घटना में जानमाल के नुकसान पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन मंदिर नगरों को अलर्ट पर रखा गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूट कर गिरे, वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री से बात की है।