उत्तर प्रदेश में होगा सूखे की स्थिति का सर्वे, सीएम योगी ने एक हफ्ते के अंदर मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सूखे की स्थिति के सर्वेक्षण के लिए हर जिले में एक टीम तैनात करने के निर्देश देते हुए सभी जिलाधिकारियों से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट तलब की है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने सूखे से प्रभावित किसानों को राहत दिलाने के लिए एक बड़े निर्णय के तहत सूखे की स्थिति के सर्वेक्षण के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक-एक टीम सर्वेक्षण करेगी और सभी जिलाधिकारियों को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस काम में लापरवाही बरतने और अनावश्यक विलंब होने पर जिलाधिकारी जवाबदेह होंगे।
62 जिलों में औसत से कम बारिश हुई
उन्होंने बताया कि इस साल प्रदेश के 62 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। प्रवक्ता ने बताया कि सूखे से परेशान किसानों को राहत देने के लिए प्रभावित जिलों में सभी लगान स्थगित रहेंगे। इसके अलावा ट्यूबवेल के शुल्क की वसूली भी स्थगित रहेगी। साथ ही ट्यूबवेल के कनेक्शन भी नहीं काटे जाएंगे। उन्होंने बताया कि खेतों की सिंचाई के लिए सिंचाई विभाग नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और बिजली विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके।
कई जिले बाढ़ से हुए प्रभावित
एक तरफ जहां राज्य में औसत से कम बारिश हुई, वहीं करीब डेढ़ दर्जन जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए। वाराणसी और गाजीपुर में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि- ” इस बार प्रदेश में औसत से भी कम बारिश हुई है लेकिन यहां पर जो भी समस्या खड़ी हुई है, वह राजस्थान और मध्य प्रदेश द्वारा अतिरिक्त जल छोड़े जाने की वजह से हुई है।”