एडीजी प्रशांत कुमार बोले- व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत
लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव मे उत्तर प्रदेश पुलिस के सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद फरार मुख्य आरोपित विकास दुबे को पकड़ने के लिए और शिकंजा कसा है। इसे पकड़ने के लिए अब तक क्या हुआ इस बारे में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया । लखनऊ में बुधवार को एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कानपुर की घटना में जो भी शामिल हैं उनके विरुद्घ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने ने भी इस घटना को अंजाम दिया है, उन्हें पछतावा होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में ऐसी कार्रवाई करेगी जो पूरे देश के लिए नजीर बनेगा। पुलिसवालों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, “2-3 जुलाई की मध्य रात्रि जब पुलिस दबिश देने गई थी तब विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर हमला किया। घटना के बाद विकास दुबे बिकरू गांव से भाग निकला। घटना का वांछित और 50 हजार का इनामी बदमाश अमर दुबे उर्फ संदीप दुबे हमीरपुर के थाना मौदाहा के अंतर्गत मुठभेड़ में मार गिराया गया। स्थानीय पुलिस और एसटीएफ ने उसे मारा है। उसके पास से अवैध पिस्टल और कारतूस बरामद हुआ है। इसकी विकास दुबे के साथ कई तस्वीरें भी हैं।”
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक पुलिस से लूटी गई तीन पिस्टल बरामद हुई है। इनमें दो पिस्टल कल फरीदाबाद में पकड़े गए तीन आरोपितों से बरामद की गईं। एक पहले कानपुर में बरामद हुई थी। पुलिस से लूटी गई ऐके 47 और इनसास रायफल अब तक बरामद नहीं हुई है। अब तक कुल आठ आरोपित पकड़े गए हैं और तीन को मुठभेड़ में मारा गिराया गया है।
इसके अलावा बीती रात अन्य अपराधी श्यामू बाजपेयी, संजीव दुबे और जहान यादव को कानपुर पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। श्यामू पर 50 हजार का इनाम है। इसके अलावा फरीदाबाद और हरियाणा के थाना खेरीपुर में मुठभेड के दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फरीदाबाद के खेरीपुर में कार्तिकेय उर्फ प्रभात, अंकुर और श्रवण को गिरतार किया गया है। इसके अलावा नोएडा और बुलंदशहर में मुठभेड़ हुई है। बीती रात गौतमबुद्घनगर और बुलंदशहर में भी बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है।
ज्ञात हो कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले विकास दुबे और उसके गुगोर्ं की तलाश में लगी पुलिस को बुधवार सुबह विकास दुबे के दाहिना हाथ माने जाने वाले चचेरे भाई अमर दुबे को मार गिराने मे सफलता हाथ लगी है।