सिंह के साथ जिन पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें भाजपा से थोंगम बिश्वजीत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह, गोविंददास कोंथोजम, नेमचा किपगेन और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के आंगबो न्यूमाई शामिल हैं। राजभवन से रविवार को जारी बयान में कहा गया था कि जनता दल (यूनाइटेड) के छह सदस्यों, कुकी पीपुल्स एलायंस के दो सदस्यों तथा एक निर्दलीय ने ‘‘भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया है।’’ इससे, 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 41 हो गई है और उसे दो तिहाई बहुमत मिल गया है।
बीरेन सिंह को चुना गय था विधायक दल का नेताइंफाल में रविवार को विधायक दल की बैठक के बाद भाजपा द्वारा केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मणिपुर भेजी गईं सीतारमण ने कहा था कि सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी के राज्य विधायक दल ने अपना नेता चुना। पिछले 10 दिनों से जारी अनिश्चितता के बाद विधायक दल की बैठक और यह घोषणा हुई थी, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी नेता बीरेन सिंह और भाजपा के वरिष्ठ विधायक टी बिश्वजीत सिंह केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए दो बार दिल्ली पहुंचे, जिसे प्रतिद्वंद्वी खेमों द्वारा लामबंदी की कवायद के तौर देखा गया था। हालांकि, पार्टी के भीतर मतभेद का खंडन किया गया था।
मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 32 सीटें जीती
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है। भाजपा ने 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी, लेकिन वह कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही, जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।