ऑक्सीजन सप्लाई पर दिल्ली HC केंद्र से नाराज, पूछा- क्यों न चलाएं अवमानना का मामला

नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना के हालात, ऑक्सीजन और बेड की कमी पर एक बार फिर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. केंद्र सरकार को हाईकोर्ट ने यह बताने का निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट के 1 मई के आदेश का पालन क्यों नही किया गया और उनके खिलाफ अवमानना की मामला क्यों नहीं चलाया जाए. यही नहीं, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के दो बड़े अफसर पीयूष गोयल और सुमिता डाबरा को हाईकोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

दिल्ली की ऑक्सीजन की जरूरत पूरा करे केंद्र

वैसे, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने का निर्देश दिया था, 490 नहीं. फिर ये दिल्ली को नहीं दिया गया. आपको बता दें कि 1 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि किसी भी सूरत में 1 मई को ही 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली को दिया जाए. हाईकोर्ट ने कहा था कि लोग ऑक्सीजन के लिए रो रहे हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है. इस बाबत दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है और उसे पूरा करे केंद्र सरकार.

केंद्र सरकार को कई बार फटकार
सुनवाई के दौरान कई बार दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की फटकार लगाई और कहा कि लोग मर रहे हैं और आप कहते हैं कि इमोशनल होकर न देखें. आप इस पर अंधे हो सकते हैं हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते. ये दुखद है कि दिल्ली में ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की जान जा रही है. आप इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं जो दिल्ली सरकार कह रही है वह सिर्फ बयानबाजी (rhetoric) नहीं है. यही नहीं सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र से कहा कि आईआईटी और आईआईएम ऑक्सीजन टैंकर के मैनजमेंट का काम आप से बेहतर तरीके से करेंगे. उन्हें हैंडओवर कर दीजिए.

दिल्ली सरकार पर भी बरसा कोर्ट

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए सलाहकार ने कोर्ट को बताया कि अगले 3-4 दिनों के दौरान दिल्ली को 480 से 520 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलनी शुरू हो जाएगी. और उम्मीद की जा रही है कि अगले 1 हफ्ते के दौरान यह बढ़कर 550 से 600 मीट्रिक टन हो जाएगी. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि फिलहाल ऑक्सीजन सिलेंडर रिज़र्व तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है. जब रिज़र्व तैयार हो जाएगा तो फिर लोगों की दिक्कत भी कम होगी. ऐसे में जब हमारे पास सिलेंडर और ऑक्सीजन दोनों होंगे तो हम लोगों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा पाएंगे. नाराज हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि समस्या यह है कि आपकी सभी नीतियां और निर्णय संबंधित विभागों से सलाह या बात किए बिना लिए जा रहे हैं, अगर आप उनसे बात करेंगे को आपको पता चलेगा क्या हो रहा है.
मुआवजे पर सुनवाई फिलहाल सिंगल बेंच के सामने

आज सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि इसमे कोई संदेह नही है कि Covid से मरने वालों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. लेकिन, ये मामला सिंगल बेंच के सामने चल रहा है. पहले उन्हें सुन लेने दीजिए. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के सामने दिल्ली सरकार ने कहा कि सिंगल बेंच के सामने covid से मरने वालों को मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हो रही है. जब डिवीजन बेंच covid से रिलेटेड सभी मामलों को सुन रहा है तब मुआवजा वाली याचिका को भी सुन ले. लेकिन, डिवीजन बेंच ने कहा covid से मरने वालों मुआवजा मिलना चाहिए. लेकिन पहले सिंगल बेंच इसे सुने.

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सवाल उठाया

– इस मौके केंद्रीयस्तर पर या राज्यस्तर पर कोई भी राजनीतिक नेता अपील क्यों नहीं कर रहा है.

– उनको सामने आना चाहिए और लोगों से अपील करनी चाहिए कि बेवजह ऑक्सीजन सिलेंडर घर में न रखें.

– वे किसी की जान बचाने में काम आ सकता है.

– दिल्ली सरकार की ओर से वकील ने कहा कि वे इस संबंध में सरकार को बताएंगे.

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