कश्मीर में अल्पसंख्यकों की हत्या से एक्शन में सरकार, सेना को निर्देश
जम्मू-कश्मीर में निशाना बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कार्रवाई के लिए ‘खुली छूट’ दे दी है. सुरक्षा बलों को सरकार का निर्देश है कि हत्या करने वाले आतंकियों का खत्मा करें. कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदाय के लोगों की हत्या कर, उनमें भय का माहौल बनाने और सदियों पुराने सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने के पाकिस्तान के उद्देश्य को कुचलने और भड़काई गई हिंसा के नए चक्र का मुकाबला करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कठोर सुरक्षा विकल्पों का उपयोग करने के लिए तैयार है. पिछले 6 दिनों में घाटी में 7 नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से 6 की हत्या शहर में हुई है. मृतकों में से 4 अल्पसंख्यक समुदाय से थे. इस आतंकवादी घटना की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएस)ने ली है. इस संगठन का अस्तित्व जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के बाद आया है, जिसे पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है. खुफिया एजेंसियों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की चार आतंकवाद-रोधी और खुफिया टीमें श्रीनगर में डेरा डाले हुए हैं, जिन्हें इन आतंकी मॉड्यूल को पिन-पॉइंट एक्शन के जरिए खत्म करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावा, विद्रोह रोधी बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को श्रीनगर में अपनी कमर कसने के लिए कहा गया है और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सीमा पार से घुसपैठ रोकने के लिए कहा गया है.
पाकिस्तानी था फरार आतंकी
शुक्रवार की रात श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को मार गिराया. कश्मीर जोन पुलिस ने बताया, ‘आतंकियों ने श्रीनगर की पुलिस टीम पर गोलीबारी की. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को मार गिराया गया जबकि दूसरा फरार हो गया.’ घटनास्थल से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया. उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादी के पास से मिले एक पहचान पत्र के अनुसार उसकी पहचान शोपियां निवासी आकिब बशीर के रूप में हुई है जोकि लश्कर से जुड़ा था. जबकि फरार होने वाला आतंकी पाकिस्तानी था.
चप्पा-चप्पा खंगाल रहे सुरक्षा बल
जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर बढ़े हमलों के बीच श्रीनगर के ईदगाह इलाके में आतंकवादियों ने एक महिला प्रधानाध्यापक समेत सरकारी विद्यालय के दो शिक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर की गई इन हत्याओं के बाद से सुरक्षा बल नए खतरे को बेअसर करने के लिए श्रीनगर शहर के चप्पे-चप्पे को खंगाल रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी को भी जनता को आतंकित करने की अनुमति नहीं देंगे.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, तीन स्थानीय मॉड्यूल, लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी, तथाकथित रेसिस्टेंस फोर्स, श्रीनगर में सक्रिय हैं और छोटे हथियारों से निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं. अधिकारी ने एक पाकिस्तानी की मौजूदगी की भी पुष्टि की जो अल्पसंख्यक लोगों को चुनकर हमले करने में मार्गदर्शन कर रहा है.
शनिवार को भी हुई आतंकियों से मुठभेड़
शनिवार को भी श्रीनगर के चानापुर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ गई. पुलिस ने बताया कि मेथान इलाके में तड़के सुरक्षा बलों ने घेराबंदी करके तलाशी अभियान प्रारंभ किया और इसी दौरान यह मुठभेड़ शुरू हो गई. फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. पुलिस ने बताया कि पास के नातीपुर इलाके में मुठभेड़ स्थल से एक आतंकवादी के फरार होने के बाद यह तलाशी अभियान शुरू किया गया था.
7 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद, केंद्र ने फैसला किया है कि उसकी पहली प्राथमिकता अपराधियों को खत्म करना और फिर घाटी में उनको खड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है. गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अलावा होम सेक्रेटरी अजय भाला और इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ अरविंद कुमार शरीक हुए.