कश्मीर में सेना के कैंप पर आतंकी हमला, आतंकियों को मिला स्थानीय लोगों से सपोर्ट
नई दिल्ली: रमजान के महीने में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के एकतरफा सीजफायर के बीच आतंकी वारदातें जारी हैं। कल देर शाम भी आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला किया। आतंकियों ने बांदीपोरा में सेना के कैंप पर ग्रेनेड से हमला किया। हालांकि कैंप की सुरक्षा में तैनात मुस्तैद जवानों ने इस हमले को नाकाम कर दिया। आतंकियों ने सेना के कैंप और पुलिस स्टेशन को टारगेट कर एक के बाद एक आठ ग्रेनेड फेंके। 13 राष्ट्रीय राइफल्स और हाजीन पुलिस स्टेशन के दोनों तरफ से करीब 4-6 आतंकी आए और आर्मी और पुलिस दोनों पर गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने अंडरबैरल ग्रेनेड लॉन्चर से लगभग आठ राउंड की फायरिंग की।
ग्रेनेड से हमला होते ही आर्मी कैंप के गेट पर अफरा-तफरी मच गई। कैंप के गेट पर तैनात जवानों ने फौरन जवाबी कार्रवाई शुरू की लेकिन इसी बीच स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर पहुंच गई और आतंकियों के समर्थन में नारेबाजी करने लगी। स्थानीय लोगों की इस भीड़ में कई महिलाएं भी थीं जिन्हें इस बात की फिक्र हो रही थी कि कैंप में घुसे आतंकियों का क्या होगा।
शनिवार को ही श्रीनगर में सुरक्षाबलों पर सिलसिलेवार तीन ग्रेनेड हमले हुए जिसमें चार जवानों सहित पांच लोग घायल हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने ग्रेनेड हमलों की जिम्मेदारी ली थी। पहला ग्रेनेड हमला श्रीनगर के फतहकदल में हुआ और दूसरा बादशाह इलाके में हुआ। इन हमलों में सीआरपीएफ की गाड़ियों को निशाना बनाया गया था। इसमें चार जवानों सहित पांच लोग घायल हो गए थे। तीसरा हमला श्रीनगर के जहांगीर चौक में हुआ था।
घाटी में आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ती ही जा रही हैं, शायद ही कोई दिन ऐसा हो, जब घाटी से हिंसा की खबरें न आएं। वहीं बॉर्डर पर पाकिस्तान की नापाक हरकत भी जारी है। गौतरलब है कि भारत सरकार द्वारा रमजान के महीने में सीजफायर की घोषणा के बाद से आतंकी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हालांकि, सरकार की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि सीजफायर आम लोगों के लिए होगा, आतंकी अगर हमला करेंगे तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।