कांग्रेस अब भाई-बहन की पार्टी है-जेपी नड्डा
गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां लगातार तेज होती जा रही हैं। भाजपा सत्ता में वापसी करने के लिए एक बार फिर से पूरी ताकत लगा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज द्वारिका पहुंचे हैं। द्वारिका में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि अगर कोई राष्ट्रीय, वैचारिक और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है तो वह भाजपा है। कांग्रेस भी कमज़ोर होकर सिकुड़ गई है और न ही अब यह राष्ट्रीय पार्टी और न ही भारतीय पार्टी रह गई है। यह सिर्फ अब भाई-बहन की पार्टी है। उन्होंने कहा कि गौरव यात्रा की तरह कल तीन स्थानों से और यात्राएं शरू होंगी, एक यात्रा हमारे आदिवासी भाइयों को समर्पित होगी, भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए, आदिवासियों के गौरव के लिए और आदिवासियों ने देश के गौरव के लिए जो काम किया है, उस गाथा को लेकर यात्रा निकलेगी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ये गौरव यात्रा सिर्फ द्वारकाधीश की गौरव यात्रा नहीं है, ये गौरव यात्रा सिर्फ गुजरात की गौरव यात्रा नहीं है, ये गौरव यात्रा देश की गौरव यात्रा है। उन्होंने कहा कि गुजरात संतों की धरती रही है, भक्तों की धरती रही है, समाज सेवियों की धरती रही है, गुजरात समाज सुधारकों की धरती रही है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक समय था जब पॉलिटिक्स का मतलब होता था कमीशन, पॉलिटिक्स का मतलब होता था भ्रष्टाचार, अनाचार, कुर्सी से चिपकना, लोगों को धोखा, खुद मेवा खाना, मोदी जी ने इस संस्कृति को बदल डाला, और मिशन बनाकर देश की सेवा में जुट गए। गुजरात में उन्होंने सपा नेता अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा।नड्डा ने कहा कि एक समय था जब अखिलेश बोलते थे कि ये तो मोदी टीका है, ये तो बीजेपी का टीका है। और चुपके-चुपके खुद लगवा लिया और दूसरों को बोला आप न लगाओ। ऐसे राजनेताओं को रहना चाहिए? उन्होंने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि वो राजनीति में करेंगे तो करेंगे क्या? क्योंकि वह आए थे मेवा खाने, देश के नाम पर परिवार की सेवा करने और वंशवाद को बढ़ाने लेकिन मोदी जी ने भारत की जनता को आगाह करा दिया कि अब मेवा खाने वाले नहीं रहेंगे, सेवा करने वाले रहेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब कमीशन खाने वाले नहीं रहेंगे, मिशन के साथ चलने वाले लोग रहेंगे, अब विनाश की ओर ले जाने वाले लोग नहीं रहेंगे, विकास की ओर ले जाने वाले लोग ही रहेंगे।