कांग्रेस का क्षेत्रीय दलों से गठबंधन को लेकर प्रदेश इकाइयों ने जताया विरोध
नई दिल्ली। कांग्रेस नेतृत्व लोकसभा चुनाव को लेकर काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है। एक तो मोदी के विजय रथ को रोकने का दबाव है और राज्यों मे क्षेत्रीय दलों को ध्यान में रखकर समझौता करने को लेकर काफी कशमकश चल रही है। वह प्रदेशों में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर गठबंधन करें या फिर राज्य में सत्ता पाने को ध्यान में रखते हुए लंबी राजनीतिक रणनीति अपनाए।
दिल्ली कांग्रेस, पार्टी की कई राज्य इकाइयां आम आदमी पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करने का विरोध जता चुकी है। कांग्रेस के राज्य प्रमुखों का मानना है कि इस गठबंधन से दो साल बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के जीत की संभावना पर असर पडेगा। इसका कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
केंद्रीय नेतृत्व के आग्रह के बाद पार्टी की दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और गोवा इकाई ने आम आदमी पार्टी और दूसरे क्षेत्रीय दलों के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया है, जिन्होंने कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाई है। सूत्रों के अनुसार, राज्य इकाइयों ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि इस तरह के गठबंधनों से विधानसभा चुनावों से पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक छूट जाएगा।
गत विधानसभा चुनावों के समय गैर-भाजपा दलों के बीच गठबंधन की बात जोर से उठी थी। कांग्रेस ने गठबंधन के लिए एक कमेटी भी बनाई थी। इसका कार्य था गठबंधन के लिए मंथन करके सुझाव प्रदान करेगी।
इस कमेटी में एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और अशोक गहलोत जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल थे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद उनके हौसले बुलंदी पर है। जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत है, वहां उसने दूसरे दलों के साथ गठबंधन को पसंद नहीं किया।
पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान अकाली दल-बीजेपी गठबंधन से ज्यादा आप ने पार्टी को चुनौती दी थी। आम आदमी पार्टी की मजबूत उपस्थिति वाले दोनों राज्य- दिल्ली और पंजाब में क्रमश: 2020 और 2022 में चुनाव होने वाले हैं। इन दोनों राज्यों की कांग्रेस इकाइयों ने गठबंधन का कड़ा विरोध जताया है। दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी राहुल गांधी से मुलाकात के बाद आप के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि हम दिल्ली में किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे।