कांग्रेस ने मुझ पर भरोसा न कर अपने ही हितों को नुकसान पहुंचाया : अमरिंदर
चंडीगढ़। लोगों के हितों की सेवा के लिए अपना खुद का राजनीतिक संगठन शुरू करने की घोषणा के दो दिन बाद पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को एआईसीसी महासचिव हरीश रावत की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उन पर भरोसा न करके और पार्टी को नवजोत सिंह सिद्धू जैसे ‘अस्थिर व्यक्ति’ के हाथों में देकर अपने हितों को नुकसान पहुंचाया है।
उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने एक ट्वीट में अमरिंदर सिंह के हवाले से कहा, “आपकी आशंका यह है कि मैं पंजाब में कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचाऊंगा.. हरीश रावत जी, तथ्य यह है कि पार्टी ने मुझ पर भरोसा न करके और पंजाब कांग्रेस को नवजोत सिंह सिद्धू जैसे अस्थिर व्यक्ति के हाथों में देकर अपने स्वयं के हितों को नुकसान पहुंचाया है, जो कि केवल खुद के प्रति वफादार हैं।”
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, अमरिंदर सिंह ने रावत, जो पंजाब मामलों के प्रभारी हैं, से पूछा, “हरीश रावत जी, आज आप मुझ पर मेरे प्रतिद्वंद्वी अकाली दल को साढ़े चार साल तक मदद करने का आरोप लगा रहे हैं। क्या इसलिए आपको लगता है कि मैं पिछले 10 सालों से उनके खिलाफ कोर्ट केस लड़ रहा हूं? और 2017 के बाद से मैंने पंजाब में कांग्रेस के लिए सभी चुनाव क्यों जीते हैं?”
पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया रावत के यह कहने के एक दिन बाद आई है कि अमरिंदर की नई पार्टी बनाने की घोषणा से पंजाब में कांग्रेस को नुकसान नहीं होगा।
रावत ने कहा कि यह वास्तव में राज्य में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों के वोटों को विभाजित करेगा। रावत ने कहा, “हमारा वोट चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। चन्नी ने जिस तरह से शुरुआत की है, उसने पंजाब और पूरे देश के सामने एक अच्छी छाप छोड़ी है।”
इस बीच, राज्य पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को तीन काले कृषि कानूनों के वास्तुकार के तौर पर दोषी ठहराया।
सिद्धू ने कृषि कानूनों के अमल में आने पर खेती में बड़े उद्योगपतियों का दखल बढ़ने के किसानों के आरोपों के संदर्भ में ट्वीट करते हुए कहा, “तीन काले कानूनों के वास्तुकार.. जो अंबानी को पंजाब की किसानी में लाए.. जिन्होंने एक-दो बड़े कॉर्पोरेट के लाभ के लिए पंजाब के किसानों, छोटे विक्रेताओं और मजदूरों को बर्बाद किया।”
सिद्धू ने हालांकि इस ट्वीट में अमरिंदर सिंह का सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया, लेकिन इसके साथ उनका एक वीडियो साझा कर उन्हें कृषि कानूनों का वास्तुकार करार दिया।