कांग्रेस में रिमोट कंट्रोल जैसी कोई चीज नहीं है-मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में दावेदारी पेश कर रहे वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे प्रचार में व्यस्त हैं। गुरुवार को उन्होंने साफ कर दिया है कि वह मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी के रिमोट कंट्रोल के रूप में काम नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर वह जीतते हैं, तो नियंत्रण उनके पास होगा। शनिवार को उम्मीदवारों के पास नामांकन वापस लेने का अंतिम मौका है।
फिलहाल, खड़गे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से समर्थन जुटाने के लिए गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे हैं। वहीं, हाल ही में उनके प्रतिद्विंदी शशि थरूर दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बैठक करने पहुंचे थे। पार्टी प्रमुख के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होगा। वहीं, 19 अक्टूबर को मतगणना होगी।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि खड़गे, सोनिया के ‘रिमोट कंट्रोल’ और ‘प्रॉक्सी’ हो जाएंगे। इससे जुड़े सवाल पर खड़गे ने जवाब दिया, ‘लोग कहते हैं कि मैं रिमोट कंट्रोल हूं और पर्दे के पीछे काम करता हूं। वे कहते हैं कि मैं वही करूंगा जो सोनिया गांधी कहेंगी। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कांग्रेस में रिमोट कंट्रोल जैसी कोई चीज नहीं है। लोग साथ मिलकर फैसले लेते हैं। यह आपकी सोच है। मैं जानता हूं कि कुछ लोग यह गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।’
थरूर को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं किसी को चुनाव लड़ने से कैसे रोक सकता हूं? मैं ऐसी चीजों में भरोसा नहीं करता और मैं इस काम के लिए यहां नहीं हूं। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। जब मेरी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक मुझसे चुनाव लड़ने की अपील कर रहे हैं, तो क्या मुझे भागना चाहिए?’
भाजपा पर निशाना
बातचीत के दौरान खड़गे ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कितनी पार प्रधानमंत्री ने (पार्टी अध्यक्ष) के चुनाव कराए? सभी अध्यक्ष सहमति से चुने जाते हैं और वे अब उपदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? भाजपा का रिमोट कंट्रोल कहां है? जब मैं अध्यक्ष बनूंगा, तो रिमोट कंट्रोल मेरे पास रहेगा।’
सोनिया की तारीफ
इस दौरान वरिष्ठ नेता ने सोनिया की भी जमकर तारीफ की। खड़गे ने कहा कि उन्होंने खुद पद लेने या बेटे पर विचा के बजाए मशहूर अर्थशास्त्री को देश का प्रधानमंत्री बना दिया। उन्होंने कहा कि वह उस परिवार से आती हैं, जिसने इस देश के लिए अपने सदस्यों की कुर्बानी दी है। खड़गे ने कहा, ‘मैं चुनाव में अपनी पार्टी की विचारधारा, गांधी, नेहरू की विचारधारा को बचाने और सरदार पटेल की तरफ से किए गए एकता के आह्वान को मजबूत करने के लिए चुनाव में उतरा हूं।