‘कांग्रेस संग काम नहीं करूंगा, खुद तो डूबेगी ही हमको भी डुबा देगी’ : प्रशांत किशोर

नई दिल्ली. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर हल्के अंदाज में निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव जीतने का मेरा रिकॉर्ड खराब कर दिया. सक्रिय राजनीति में जाने का संकेत दे चुके प्रशांत ने यह भी कहा कि अब वे देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ काम नहीं करेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने सोमवार को बिहार के वैशाली में कहा, “2011 से 2021 यानी 10 सालों तक, मैं 11 चुनावों से जुड़ा रहा और केवल एक चुनाव हार गया जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ था. तब से, मैंने फैसला किया है कि मैं उनके (कांग्रेस) के साथ काम नहीं करूंगा क्योंकि उन्होंने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है.”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन उसकी वर्तमान व्यवस्था ऐसी है कि खुद तो डूबेगी ही हमको भी डुबा देगी. भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों तक, विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके चुनाव रणनीतिकार ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को विजयी बनाने में एक अहम भूमिका निभाने के बाद पेशेवर चुनाव सलाहकार के तौर पर काम बंद करने की घोषणा की थी.

प्रशांत किशोर ने दिये थे बिहार में सक्रिय राजनीति में उतरने के संकेत
गौरतलब है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीते 2 मई अपने गृह राज्य में सक्रिय राजनीति में उतरने का संकेत देकर बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ा दी है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि मुद्दों को बेहतर तरीके से समझने और ‘जन सुराज’ के पथ पर बढ़ने के लिए लोकतंत्र के असली मालिकों (जनता) के पास जाने का समय आ गया है. किशोर, जनता दल (यूनाइटेड) में संक्षिप्त अवधि तक रहे थे और हाल में उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

प्रशांत किशोर 2018 में जद(यू) में शामिल हुए थे
सदा ही सक्रिय राजनीति में रुचि दिखाने वाले किशोर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) में 2018 में शामिल हुए थे, लेकिन संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) जैसे कई मुद्दों पर कुमार के साथ मतभेद होने के चलते उन्हें 2020 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. किशोर ने उस वक्त भाजपा विरोधी कड़ा रुख अपनाया था और कुमार की आलोचना की थी. जद(यू) में किशोर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे.निष्कासन के तुरंत बाद किशोर ने फरवरी 2020 में एक स्वतंत्र परियोजना “बात बिहार की” शुरू की थी. हालांकि अवधारणा के स्तर पर यह बहुत अस्पष्ट रही. वह हाल में कांग्रेस में शामिल होने के काफी करीब तक पहुंच गये थे, लेकिन उनके बीच अंतिम समझौता नहीं हो सका.

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427