किसान आंदोलन: दिल्ली की टिकरी और सिंघु बॉर्डर पूरी तरह बंद, गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने लगाए बड़े-बड़े पत्थर

नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के कारण अब आम लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। सोमवार सुबह दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि टिकरी और सिंघु बॉर्डर को किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। रविवार को किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और रविवार को कहा कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गो को बंद कर देंगे।

देर रात तक माथापच्ची करती रही सरकार

किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार देर शाम भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, तीनों मंत्रियों ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की। शाह पहले ही आंदोलनरत किसानों से बुराड़ी मैदान में जाने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि तय स्थान पर पहुंचने के बाद सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।

 

दिल्ली में बढ़े फल-सब्जियों के दाम
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने से रविवार को इनकी कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। खासतौर से आलू और सेब के दाम बढ़ गए हैं। दिल्ली में जहां सेब का खुदरा भाव रविवार को रुपये 120 किलो से ऊपर चल रहा था, जबकि दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में सेब 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा था। इसी प्रकार आलू का भाव जहां 40 रुपये प्रति किलो चल रहा था वहां रविवार को 50 रुपये किलो आलू बिक रहा था। इसी प्रकार, अन्य शाक-सब्जियों के दाम में भी वृद्धि देखी गई।

किसानों ने बुराड़ी पार्क को बताया खुली जेल
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुरजीत एस फूल ने कहा, ‘‘ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी गई शर्त हमें स्वीकार नहीं है। हम कोई सशर्त बातचीत नहीं करेंगे। हम सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं। घेराव खत्म नहीं होगा। हम दिल्ली में प्रवेश के सभी पांच रास्तों को बंद करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बातचीत के लिए शर्त किसानों का अपमान है। हम कभी बुराड़ी नहीं जाएंगे। वह पार्क नहीं है बल्कि खुली जेल है।’’

कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले- PM
प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में रविवार को कहा, ‘‘भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी क्षेत्र में लोगों के लिए ‘सही जानकारी रखना और अफवाहों तथा किसी भी प्रकार के संशय से दूर रहना’ एक बड़ी ताकत होती है।

खट्टर और अमरिंदर भिड़े
प्रदर्शनकारी किसानों के दिल्ली की तरफ बढ़ने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच आरोप-प्रत्यारोप सुनने को मिले। सिंह और उनकी कांग्रेस पार्टी ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है और खट्टर सरकार की आलोचना की जिसने भाजपा शासित हरियाणा से प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने का प्रयास किया।

खट्टर ने रविवार को कहा कि अगर किसानों के दिल्ली के साथ लगी राज्य की सीमाओं पर एकत्रित होने से कोविड-19 महामारी के हालात बिगड़ते हैं तो वह अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार को ठहराएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा प्रदर्शन कांग्रेस और पंजाब सरकार द्वारा प्रायोजित है। कृषि कानूनों पर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ‘सत्ता के नशे में चूर’ है।

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