किसान ट्रैक्टर परेड : हिंसा में घायल हुए 18 पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती, 1 की हालत गंभीर
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों का ट्रैक्टर मार्च बेकाबू हो गया है और मार्च में शामिल किसान लाल किला में दाखिल हो गए हैं। लाल किला पर राष्ट्रीय ध्वज उतारकर किसानों ने पीले रंग का झंडा लगा दिया। देश की राजधानी सीमाओं पर मंगलवार को स्थित विभिन्न धरना स्थलों से रवाना हुई किसानों की ट्रैक्टर रैली निर्धारित रूटों की सीमाओं को तोड़ते हुए आईटीओ और लाल किला पहुंच गई। लाल किला परिसर में भारी तादाद में किसान जमा हो गए। इससे पहले ट्रैक्टर रैली निर्धारित रूटों की सीमा तोड़ कर भीतरी रिंग रोड होते हुए आईटीओ के पास पहुंच गई जहां प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
दिल्ली की सीमाओं पर बीते दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों को गणतंत्र किसान परेड निकालने के लिए जो रूट और समय तय किए गए थे उसकी अवहेलना करते हुए किसान समय से पहले टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर लगे बैरीकेड को तोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा में प्रवेश कर गए। आईटीआई के पास पहुंचे किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए। सिंघु बॉर्डर से जो ट्रैक्टर रैली में किसानों की जो टुकड़ी चली थी वह भीतरी रिंगरोड की तरफ बढ़ गई और गाजीपुर बॉर्डर वाली टुकड़ी आईटीओ की तरफ बढ़ गई।
परेड में दिल्ली पुलिस के 18 जवान घायल, 1 की हालत नाजुक
खबरों की माने तो किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के 18 कर्मी घायल हो गए हैं। उन्हें नजदीकी अस्पताल एलएनजेपी में एडमिट कराया गया है। घायल पुलिसकर्मियों में से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है।
रात 12 बजे तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवा
गृह मंत्रालय ने किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प के बाद दिल्ली के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है। उल्लेखनीय है कि सैकड़ों प्रदर्शनकारी किसान लाल किला परिसर में प्रवेश कर गए थे और वहां अपना झंडा फहराने की भी कोशिश की।
गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक, आला अधिकारी मौजूद
ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद गृह मंत्रालय में बैठक हो रही है, जिसमे कई बड़े अधिकारी शामिल है। राजधानी में सुरक्षा के हालात पर ये बैठक हो रही है। इस बीच, किसान लाल किले से वापस सिंघु बॉर्डर की ओर लौटने लगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मिले आदेश के बाद किसान वापस सिंघु बॉर्डर लौट रहे हैं।