किसान नेता का दावा, दिल्ली बॉर्डर पर आतंकवाद फैला रहे हैं राकेश टिकैत
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों को प्रदर्शन लगातार जारी है। दिल्ली के अलग-अलग बार्डर पर किसान संगठनों के नेता पिछने आठ महीनों से डटे हुए हैं। इन सब के बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह मुजफ्फरनगर में बड़ा दावा किया है। भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत पर बड़ा हमला करते हुए उनपर आतंकवाद फैलाने का आरोप तक लगा दिया। ANI के मुताबित भानु ने कहा कि राकेश टिकैत दिल्ली बॉर्डर पर आतंकवाद फैला रहे हैं। उनके अंदर ईमानदारी नहीं रही, वे 100% बेईमान है। नए कृषि क़ानून बने रहने दो इसमें कोई दिक़्क़त नहीं है। हमारी मांग है कि किसान आयोग का गठन हो।
राकेश टिकैत दिल्ली बॉर्डर पर आतंकवाद फैला रहे हैं। उनके अंदर ईमानदारी नहीं रही, वे 100% बेईमान है। नए कृषि क़ानून बने रहने दो इसमें कोई दिक़्क़त नहीं है। हमारी मांग है कि किसान आयोग का गठन हो: भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह,यूपी के मुजफ्फरनगर में
इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पांच सितंबर को होने वाली भाकियू की महापंचायत में आर-पार की रणनीति तैयार होगी। किसान नेता टिकैत ने रविवार शाम को नोएडा के जेवर क्षेत्र में सबौता अंडर पास के पास आयोजित एक रैली के दौरान अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग को दोहराते हुए कहा कि ये कृषि कानून किसान मजदूर और आमजन के विरोधी हैं। टिकैट ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे। देश के लोग किसान आंदोलन से नहीं वैचारिक क्रांति से जुड़ रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र के किसानों से पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेने की अपील की। टिकैत ने कहा कि सरकार केवल इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का आंदोलन बता रही है, लेकिन इसमें 550 से अधिक किसान संगठन जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह गलतफहमी छोड़ दे कि किसान थक कर घर वापस चले जाएंगे। महापंचायत में जेवर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा सहित कई जिलों के लोग भी पहुंचे थे।