कुंभ में अखिलेश यादव की ‘गंगा की सौगंध’ शुरू कर सकती है आरक्षण पर नई बहस
नई दिल्ली: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में नेता भी डुबकी लगाने में पीछे नही हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुंभ पर संगम में डुबकी लगाई. इसके बाद अखिलेश ने संगम स्थित बड़े हनुमानजी के दर्शन किए और फिर राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी जी महाराज के कुंभ स्थित आश्रम में गए. इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि जब सम्राट हर्षवर्धन यहां आते थे तो सब कुछ दान करके चले जाते थे. सरकार ने अभी तक कुछ दान नहीं किया. हम चाहेंगे कि केंद्र सरकार यहां पर स्थित किला प्रदेश सरकार को दान कर दे. कुंभ मेले में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में इसके सचिव नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों के साथ प्रसाद ग्रहण करने के बाद अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, “प्रदेश सरकार अगली कैबिनेट बैठक कुम्भ मेले में करने जा रही है. योगी सरकार इस कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर इसे केंद्र के पास भेज दे. कुंभ खत्म होते-होते कम से कम किला तो दिलवा दें.”सपा प्रमुख ने कहा, “फौज को अगर जगह चाहिए तो हमारे पास चंबल यमुना के पास बहुत जगह है. जितनी चाहे उतनी जगह फौज को दे दें.”उल्लेखनीय है कि केंद्र की पहल पर हाल ही में किला स्थित अक्षयवट और सरस्वती कूप को आम लोगों के दर्शन के लिए खोला गया है. अकबर द्वारा बनवाया गया यह किला सेना से नियंत्रण में है. समाजवादी पार्टी पर जातिगत राजनीति के आरोप लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर सपा प्रमुख ने कहा, “हम चाहते हैं कि सभी जातियों की गणना कर ली जाए. किसी जाति को दूसरी जाति के प्रति नफरत फैलाने का मौका न मिले. मैं गंगा मइया की कसम खाकर आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम सत्ता में आए तो जातियों के आंकड़े सार्वजनिक करेंगे.” प्रदेश सरकार द्वारा अर्द्धकुंभ का नाम कुंभ किए जाने के बारे में पूछने पर अखिलेश यादव ने कहा, “संगम और अर्द्धकुंभ, नाम बदल जाए, रंग बदल जाए और कुंभ के किनारे कैबिनेट हो जाए. अगर किसान खुशहाल न हो, नौजवानों को नौकरी न मिले तो सब बातें अधूरी रह जाती हैं.” अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि से यह पूछे जाने पर क्या 2019 के आम चुनावों के लिए वह अखिलेश यादव को आशीर्वाद देंगे, नरेंद्र गिरि ने कहा, ‘पूरा का पूरा आशीर्वाद है’.