कृष्ण जन्माष्टमी : निधिवन में आज भी रास रचाते हैं कान्हा, कई रहस्य हैं यहां

भाद्रपद अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर 2018 को है। हालांकि, कुछ जगहों पर यह 2 सितंबर को मनाए जाने की बात हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का यह त्योहार पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी के मौके पर हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आज भी कृष्ण न सिर्फ आते हैं, बल्कि गोपियों के साथ रास भी रचाते हैं।

वृंदावन में श्रीकृष्ण का बचपन बीता। यहीं के निधिवन में आज भी श्री कृष्ण हर रात आते हैं और गोपियों के साथ रास रचाते हैं। इस जगह के बारे ऐसी कई बाते हैं, जो रहस्यमयी हैं। कहा जाता है कि यहां, आज भी गोपियों के साथ श्रीकृष्ण जब रास रचाते हैं, तो आवाजें सुनाई देती हैं।यह जगह सुबह से शाम तक दर्शन के लिए खुली रहती है, लेकिन इसके बाद यहां किसी को भी नहीं रुकने दिया जाता है। स्थानीय लोगों बताते हैं कि जिसने भी यह रासलीला देखने की कोशिश की, वह पागल हो गया या फि‍र उसकी मौत हो गई या फिर वह इस स्थिति में ही नहीं रहा कि वह कुछ बता सके। यही वजह है कि निधिवन के आस-पास बने किसी भी मकान में खिड़कियां नहीं बनी हैं। इंसानों की बात तो छोड़िए, यहां सूर्यास्त हो जाने के बाद पशु और पक्षी भी यहां नहीं रुकते हैं।निधिवन में लगे पेड़ों के बारे में भी एक रोचक बात है, जो किसी की भी समझ से परे है। वह है, यहां लगे पेड़, जिनकी शाखाएं ऊपर की तरफ बढ़ने की बजाए जमीन की ओर बढ़ती हैं। इसके अलावा यहां तुलसी के हर पौधे जोड़े में लगे हैं। इसके पीछे यह मान्यता है कि जब राधा संग कृष्ण वन में रास रचाते हैं, तो यही जोड़े दार पेड़ गोपियां बन जाती हैं।

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