केन्द्रीय कैबिनेट ने दी आधार अध्यादेश को मंजूरी, अब आईडी प्रूफ के तौर पर होगा इस्तेमाल
नई दिल्ली: केन्द्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को आधार एक्ट 2016 में संशोधन को लेकर एक अध्यादेश को मंजूरी दी. इससे आधार का वोलेन्ट्री इस्तेमाल बैंक अकाउंट ओपन करने में और मोबाइल फोन कनेक्शन लेने में किया जा सकेगा. इससे पहले इस अध्यादेश को बिल के रूप में लोकसभा से चार जून को ही पास किया जा चुका है.
यह बिल अभी राज्यसभा में पेंडिंग है. इस अध्यादेश से अब वयस्कों को यह अधिकार भी मिलेगा कि 18 साल की आयु के बाद वह खुद को आधार सिस्टम से खुद को अलग कर सकते हैं. इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि आधार एक्ट के तहत बनाए गए नियमों और प्राइवेसी का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. आधार के नियम के मुताबिक बायोमेट्रिक डेटा का भंडारण गैरकानूनी है.
इस अध्यादेश को स्वीकृति देने के बाद केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “आधार का इस्तेमाल केवाईसी के तौर पर टेलीग्राफ एक्ट और पीएमएलए के अंतर्गत वोलेट्री इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है.”
आधार कानून में किए गए संशोधन के मुताबिक अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उन्हें किसी भी सर्विस का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता है. नए नियम के मुताबिक आधार एक्ट का अगर कोई कंपनी उल्लंघन करती है तो उस पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना और उल्लंघन नहीं रोकने की स्थिति में 10 लाख रुपए प्रतिदिन का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है.
अनाधिकृत आधार के इस्तेमाल पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और अगर यह कोई कंपनी करती है तो यह अमाउंट बढ़कर एक लाख रुपए हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने पिछले साल 26 सितंबर को आधार मामले पर सुनवाई के दौरान इसे संवैधानिक करार दिया था. हालांकि, कोर्ट ने आधार के अनेक जगहों पर अनिवार्य इस्तेमाल को खत्म किया था.