केरल की राह पर पंजाब, विधानसभा में पास हुआ CAA के खिलाफ प्रस्ताव
चंडीगढ़: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. केरल (Kerala) के बाद अब पंजाब (Punjab) में भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा में पारित हो गया है. वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार भी पहले ही कह चुकी है कि वह नए कानून के खिलाफ है.
इस कानून में हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले तीन देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी, बशर्ते वे मुस्लिम न हों।यह विवादास्पद कानून नागरिकता अधिनियम-1955 का संशोधित रूप है. यह 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किए जाने के लगभग एक महीने बाद 10 जनवरी को लागू हुआ, जब गृह मंत्रालय ने गजट अधिसूचना के माध्यम से इसकी घोषणा की.बता दें सीएए को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है. विपक्षी दलों के साथ ही आम लोग भी इस कानून के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान 26 लोगों की मौत हो चुकी है. सिर्फ उत्तर प्रदेश में 21 लोग मारे जा चुके हैं और 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं.