केरल चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा दांव, ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन जल्द पार्टी में हो सकते हैं शामिल
केरल में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है. मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी ने श्रीधरन से केरल में विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि 21 फरवरी को केरल में बीजेपी की विजय यात्रा के दौरान बीजेपी अध्यक्ष के सुदर्शन की मौजूदगी में बीजेपी का हाथ थामेंगे. पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित ‘मेट्रो मैन’ श्रीधरन को देश में विकास के प्रतीक के रूप में जाना जाता है. मेट्रो मैन ई श्रीधरन आगामी केरल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने मीडिया से कहा है कि ‘मुझे उम्मीद है कि बीजेपी केरल के लोगों के लिए कुछ कर सकती है, दूसरे राजनीतिक दलों ने अभी तक कुछ नहीं किया है.’
अवॉर्ड ही अवॉर्ड
ई श्रीधरन को सिर्फ मेट्रो ही नहीं कोंकण रेलवे में उत्कृष्ट योगदान के लिए भी उन्हें जाना जाता है. साल 2001 में उन्हें पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया. इतना ही नहीं विकास में इनके योगदान को देखते हुए फ्रांस सरकार ने भी साल 2005 में इन्हें Chavalier de la Legion d’honneur अवार्ड से नवाजा. ये फ्रांस का मिलिट्री और सिविल सेवा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरुष्कार है. अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैग्जीन भी इन्हें ‘एशिया का हीरो’ कह कर पुकार चुकी है. विश्व में यातायात को सुगम बनाने के किए ई श्रीधरन UNO में भी अपनी सेवा दे चुके हैं.
आरंभिक जीवन और कैरियर
ई श्रीधरन का जन्म पलक्कड़ जिला के करूकापुथूर गांव में हुआ था. नीलकंदन मूसा और अम्मालुअम्मा के घर पैदा होने वाले ई श्रीधरन की आरंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई. इसके बाद सीनियर सेंकडरी पालघाट और बाद सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए ये आंध्र प्रदेश के काकीनाडा गए.
पढ़ाई के बाद शुरूआत में कुछ समय के लिए शिक्षक बने लेकिन जल्द ही यूपीएससी क्वॉलीफाई करने के बाद भारतीय रेल में अपनी सेवाएं शुरू कीं. जिसके लिए भारतीय रेल उन्हें हमेशा याद करता है. साइक्लॉन से तबाह हो चुके पंबन पुल को दोबारा जोड़ने का काम ई श्रीधरन ने रिकार्ड समय में पूरा किया था.
मेट्रो मैन, बनने का सफर
इसकी शुरूआत कोलकाता मेट्रो से हुई. 1970 में कोलकाता मेट्रो ज्वाइन करने के बाद ई श्रीधरन की जिम्मेदारी इसकी संरचना, रूप-रेखा तैयर करने और इसे लागू करने की थी. दिल्ली मेट्रो का सफर तो हम सब जानते हैं ही. दिल्ली मेट्रो को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले ई श्रीधरन 1995 से लेकर 2012 तक इसके प्रबंध निदेशक के रूप में जुड़े रहे.