केरल में बाढ़ ने ली 370 की जान, 7.24 लाख लोग राहत शिविरों में, कर्नाटक और तमिलनाडु में गहराया संकट
तिरुवनंतपुरम/बेंगलुरु: बाढ़ की विभीषिका झेल रहे केरल में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। रविवार और सोमवार को बारिश से मिली राहत से जहां बचाव कार्य में तेजी आई, वहीं स्थानीय निवासियों को भी राहत महसूस हुई। हालांकि केरल के बाद अब कर्नाटक और तमिलनाडु में बाढ़ का खतरा देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक के कोडागू जिले में अभी तक 3500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। वहां बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में पिछले कुछ दिनों में 6 लोगों की मौत हुई है। उधर, तमिलनाडु में कावेरी समेत बड़ी नदियां उफान पर हैं। नदी तटों से लगे निचले इलाके जलमग्न हैं।
केरल में लोगों ने ली राहत की सांस
केरल में रविवार को बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली, मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं। प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां लील लीं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हमारी सबसे बड़ी चिंता लोगों की जान बचाने की थी। लगता है कि इस दिशा में काम हुआ।’ केरल में आखिरकार बाढ़ के सबसे विनाशकारी दौर समाप्त होने के संकेत मिले और कई शहरों व गांवों में जलस्तर में कमी आई।
विजयन ने कहा, 22,034 लोगों को बचाया गया
विजयन ने कहा कि बचाव कार्य का अंतिम चरण जारी है। कई व्हाट्सएप ग्रुप पर मदद की मांग की जा रही है, खासतौर से अलप्पुझा से मदद मांगी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 22,034 लोगों को बचाया गया है। केरल में 29 मई को आई पहली बाढ़ के बाद से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर में बचाव कार्य जारी है। अधिकारियों ने इन तीन जिलों में जारी किए गए रेड अलर्ट को वापस ले लिया है।