कॉमनवेल्थ खेलों से पहले ही सिंधु को लगी चोट
नई दिल्ली : ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु को चोट लगी है लेकिन अगले महीने होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में उनके प्रतिनिधित्व पर अभी कोई खतरा नहीं है. भारत के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद और सहायक कोच मोहम्मद सियादुतल्लाह के मार्गदर्शन में हैदराबाद की गोपीचंद अकादमी में अभ्यास कर रही 22 साल की सिंधु के दायें टखने में खिंचाव आया है.
सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने पीटीआई को बताया, ‘‘आज अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान उसके टखने में चोट लगी. हमने एमआरआई किया है जिससे कि शत प्रतिशत सुनिश्चित हो सकें कि सब कुछ ठीक है. हड्डी या लिगामेंट में किसी तरह की चोट का पता नहीं लगा है, इसलिए मैं खुश हूं. हम कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते.’’ उन्होंने बताया, ‘‘अब वह एक दिन आराम करेगी और परसों दोबारा दौड़ना शुरू करेगी. वह कल मैदान पर जाएगी. राष्ट्रमंडल खेलों की शुरूआत टीम स्पर्धा के साथ होगी इसलिए पर्याप्त समय है. इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.’’
दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधु को राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. उन्होंने2014 में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता था.
इसी बीच खेल मंत्रालय ने अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सोमवार को 221 खिलाड़ियों सहित 325 सदस्यीय भारतीय दल को भेजने की अनुमति दी. पीवी सिंधु की मां विजया पुसारला और साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह उन 15 अधिकारी/ गैर खिलाड़ियों की सूची में शामिल है जिनका खर्च सरकार वहन नहीं करेगी. मंत्रालय की आज जारी सूची में उन्हें कोई पद नहीं दिया गया है. इसके अलावा सात प्रबंधकों का खर्च भी सरकार नहीं उठाएगी और खेल महासंघों को उनका खर्च वहन करना होगा.
इस मामले में इस बात पर अस्पष्टता से विवाद हो गया था कि सिंधु की मां और साइना नेहवाल के पिता का खर्च कौन उठाएगा.
इस फैसले के कारण सिंधू की मां उनके साथ नहीं जा पा रहीं थी
पहले खेल मंत्रालय राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जाने वाले अधिकारियों के दल में कटौती करने की बात की थी जिससे राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान अधिकारी और खिलाड़ियों के परिजन सरकारी खर्च पर तफरीह नहीं कर सकेंगे. रिपोर्टों के अनुसार साइना के पिता हरवीर सिंह और सिंधू की मां विजया पुरसाला सरकारी खर्चे पर गोल्ड कोस्ट जा रहे थे क्योंकि उनके नाम आईओए की अधिकारियों की सूची में है. लेकिन भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) ने आईओए को जो पत्र लिखा है उसमें इनके नामों का जिक्र नहीं है. बाइ ने कहा कि यह कहना अनुचित होगा कि साइना और सिंधू के माता पिता भारतीय दल के रूप में राष्ट्रमंडल खेलों में जा रहे हैं. इस तरह से एक भ्रम की स्थिति बन गई थी.
इसी के चलते भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा था, ‘‘मैं नहीं जानता कि खेल मंत्रालय सिंधू और साइना के माता पिता को उनके साथ राष्ट्रमंडल खेलों में जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहा है.’’
उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया था ,‘‘जल्द ही फैसला आ जायेगा लेकिन यह तय है कि इस बार सरकारी खर्च पर कोई अधिकारी या खिलाड़ियों के परिजन राष्ट्रमंडल खेलों में सैर सपाटा नहीं कर सकेंगे. जिनकी कोई उपयोगिता खिलाड़ियों के लिए नहीं है, उन्हें कतई सूची में शामिल नहीं किया जायेगा.’’ अधिकारी ने कहा ,‘‘पहले भी ऐसी शिकायतें मिली है कि कई ऐसे अधिकारी दल में शामिल होते हैं जिन्हें खेल परिसर में प्रवेश की अनुमति तक नहीं होती. वे किस तरह से खिलाड़ियों की मदद करेंगे. इसके अलावा बड़े बड़े खिलाड़ी अपने परिजनों को मेंटर या मैनेजर बनाकर ले जाते हैं जबकि वे खुद उनका खर्च उठा सकते हैं.’’
उन्होंने कहा कि खेलमंत्री ने खुद इस मामले में सख्त रवैया अपनाने को कहा है जिसमें फोकस खिलाड़ियों पर रहेगा लेकिन सरकारी धन का दुरूपयोग मुफ्त के सैर सपाटे पर नहीं होगा.
यह भी पहले ही तय हो चुका है कि सिंधु गोल्ड कोस्ट में अगले महीने होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की ध्वजवाहक होंगी. भारतीय ओलंपिक संघ के सूत्रों के अनुसार 2016 रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु को चार अप्रैल को होने वाले उद्घाटन समारोह में यह जिम्मेदारी दी गई है. दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधु राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार हैं. सिंधु की चोट का गंभीर न होना भारत के लिए राहत की बात है.