कोविड की वजह से अर्थव्यवस्था को लगी बड़ी चोट, जीडीपी में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट: वित्त मंत्री
भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड की वजह से गहरी चोट लगी है. महामारी की वजह से साल 2020-21 में जीडीपी (GDP) में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली है. ये जानकारी आज वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट (Budget) पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान दी. इसके साथ महंगाई पर विपक्ष के द्वारा उठाये गये सवालों पर वित्त मंत्री ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि पिछली सरकार के मुकाबले महंगाई नियंत्रित है और इसे अच्छी तरह से मैनेज किया जा रहा है. वहीं अपने जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल देश में हर घर को बिजली मिल रही है. इसके साथ ही युवाओं को उनके आइडिया पर आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी वजह से देश में यूनिकॉर्न की संख्या में बढ़त हो रही है जो रोजगार के नये अवसर मुहैया करा रहे हैं.
पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर सरकार का जोर
हाल ही में पेश हुए बजट में राजस्व व्यय के मुकाबले पूंजीगत व्यय पर जोर देने के सरकार के फैसले पर वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व व्यय पर खर्च हुए हर एक रुपये का गुणात्मक असर 45 पैसे होता है यानि लाभ एक रुपये से कम होता है. वहीं यही एक रुपये पूंजीगत व्यय हो तो गुणात्मक असर 2.45 रुपये होगा. वहीं अनुमान है कि अगले साल पूंजीगत व्यय के हर एक रुपये का गुणात्मक असर 3.14 रुपये का होगा. उन्होने कहा कि सरकार कर्ज पूंजीगत व्यय करने के लिये ले रही है. हालांकि इस बात को भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि साल के दौरान पर्याप्त राजस्व व्यय भी हो.
1.2 करोड़ नये रोजगार
सीतारमण ने कहा कि ‘अमृतकाल’ की तरफ बढ़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं. इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं.’’ उन्होंने कहा कि देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली इकाइयां) बने जो ‘अमृत काल’ का ही संकेत है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार की स्थिति में अब सुधार का संकेत दिख रहा है। शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व के स्तर पर आ गई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार अवसर पैदा हुए हैं. वहीं कांग्रेस सरकार पर वार करते हुए उन्होने कहा कि फिलहाल महंगाई दर 6.2 प्रतिशत पर है वहीं साल 2008-09 के दौरान महंगाई दर 9.1 प्रतिशत पर थी. वहीं उन्होने कहा कि अब हर घर में बिजली पहुंच चुकी है , जबकि पिछली सरकारों के काल में अधंकार था.