कौन बनेगा CBI डायरेक्टर? पीएम मोदी की अगुवाई में सेलेक्ट कमेटी की बैठक आज
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई के लिए आज का दिन बेहद अहम है। एक तरफ जहां आज सीबीआई के नए डायरेक्टर चुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सेलेक्ट कमेटी की बैठक होगी, वहीं सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होगी।शायद ये पहला मौका है जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के मुखिया का चुनाव सुर्खियां बनी है। ये पहला मौका है जब सीबीआई के डायरेक्टर के चुनाव पर पूरे देश की नजर है और इसकी वजह हैं आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना। इनमें से एक सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर हैं तो दूसरे सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर।
इन दोनों के झगड़े की वजह से देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी पिछले एक साल से विवादों में है। विवाद भी ऐसा कि सरकार को रातों-रात एक्शन में आना पड़ा और दोनों को छुट्टी पर भेजना पड़ा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को वापस बहाल तो किया लेकिन सरकार ने दोबारा से अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए दोनों को हटाकर नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर बना दिया। विवाद शांत होने के बाद नए डायरेक्टर की तलाश शुरू हुई।
आज शाम छह बजे प्रधानमंत्री आवास पर हाई पावर सेलेक्ट कमेटी की बैठक होगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई या उनके प्रतिनिधि के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो सेलेक्ट कमेटी के सामने पेश करने के लिए नियम के मुताबिक तीन बैच के अफसरों को इस रेस में शामिल किया गया है।
कौन बनेगा CBI डायरेक्टर?
- 1983 बैच की रीना मित्रा जो अभी गृह मंत्रालय में विशेष सचिव हैं
- 1984 बैच के राजेश रंजन जो डीजी सीआईएसएफ हैं
- 1984 बैच के ही वाई सी मोदी जो अभी डीजी एनआईए के पद पर हैं
- इनके अलावा 1984 बैच के ही रजनीकांत मिश्रा भी दौड़ में हैं जो बीएसएफ के डीजी हैं
- इस दौड़ में जो आखिरी नाम है वो है 1985 बैच के सुबोध कुमार जायसवाल का जो अभी मुंबई पुलिस के चीफ हैं
हालांकि ये वो नाम है जो सूत्रों के हवाले से अब तक सामने आए हैं लेकिन ख़बर ये भी है कि सरकार कोई और नाम सामने लेकर आ सकती है। दरअसल, सरकार सीबीआई का नया चीफ किसी विवादित शख्स को नहीं बनाना चाहती है। नया चीफ ऐसा हो जो सीबीआई की खोई साख को फिर से नयी ऊंचाईयों पर ले जा सके। ऐसे में इसकी संभावना भी है कि पैनल में शामिल नाम के अलावा कोई नया नाम भी सामने आ सकता है। वैसे भी पीएम मोदी इस तरह के मामलों में सरप्राइज करने में माहिर हैं।