घातक हो सकती है पूरी नींद न लेने की आदत !
शरीर और दिमाग की बेहतर सेहत के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी होता है. स्वस्थ शरीर के लिए कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूरी होती है. दरअसल सोते समय हमारा शरीर दिमागी, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक करने का काम करता है. इससे तमाम समस्याएं खुद ही ठीक हो जाती हैं. यही वजह है कि सोकर उठने के बाद हम ऊर्जावान महसूस करते हैं.
लेकिन आजकल कंप्यूटर वाली दुनिया में काम का प्रेशर इतना ज्यादा है कि लोग चाहकर भी सूकूनभरी नींद नहीं ले पाते. इसके अलावा देर रात तक चैटिंग की आदत, सोशल मीडिया की लत ने भी लोगों की नींद को डिस्टर्ब कर दिया है. पूरी नींद न लेने की वजह से लोगों में तनाव की समस्या बहुत कॉमन होती जा रही है, जिसका असर उनके पूरे शरीर पर पड़ता है. इसके कारण लोगों को समय से पहले ही तमाम बीमारियां घेरने लगती हैं. आइए जानते हैं कि नींद पूरी न करने की वजह से क्या समस्याएं हो सकती हैं.
रोग प्रतिरोधक तंत्र होता कमजोर
हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए इम्युनिटी का स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी है. नींद की कमी से इम्युनिटी कमजोर होती है. यदि इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो व्यक्ति इंन्फेक्शन, खांसी, जुकाम, बुखार आदि तमाम परेशानियां जल्दी घेर लेती हैं.
तनाव और डिप्रेशन
नींद की कमी से स्ट्रेस की समस्या होती है. स्ट्रेस के कारण व्यक्ति किसी भी काम को ठीक से नहीं कर पाता. ऐसे में उसका कॉन्फिडेंस गिरने लगता है और धीरे धीरे व्यक्ति डिप्रेशन में जाने लगता है.
महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
तमाम रिसर्च बताती हैं कि नींद पूरी न होने से महिलाओं की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है. इसकी वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाता है.
डायबिटीज, बीपी और हार्ट की समस्या
कम नींद हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट को प्रभावित करती है. इसकी वजह से शरीर का वजन बढ़ता है और समय से पहले ही व्यक्ति को डायबिटीज, हाई बीपी और हार्ट की परेशानियां घेरने लगती हैं.
हार्मोनल असंतुलन हो जाता है
नींद की कमी हार्मोनल असंतुलन की वजह भी बन सकती है. हार्मोनल असंतुलन होने से महिलाओं में चिड़चिड़ापन, पीरियड की अनियमितता, मूड स्विंग, मोटापा, थकान जैसी तमाम परेशानियां देखने को मिलती हैं. इसके अलावा व्यक्ति की याद्दाश्त भी कमजोर होने लगती है.