चंदा कोचर छोड़ेंगी ICICI बैंक की CEO का पद? अगले हफ्ते बोर्ड ले सकता है फैसला
नई दिल्ली: वीडियोकॉन लोन मामले में चारों तरफ से घिरती नजर आ रहीं चंदा कोचरकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सूत्रों की मानें तो चंदा कोचर को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है. हालांकि, इसका फैसला इस हफ्ते के अंत में होने वाली बोर्ड की बैठक के बाद होगा. दरअसल, चंदा कोचर के खिलाफ शुरू हुई इन्वेस्टिगेशन के बाद बोर्ड उनके आगे के कार्यकाल पर विचार कर सकता है. बोर्ड के कुछ डायरेक्टर्स इस पर विचार करने के लिए इस हफ्ते बैठक कर सकते हैं. वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले से जुड़े दो लोगों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि चंदा कोचर के पति और वीडियोकॉन ग्रुप के बीच बिजनेस डीलिंग मामले में जांच एजेंसियों को नई जानकारियां मिली हैं.
हो सकती है अनौपचारिक बैठक
दीपक कोचर की वीडियोकॉन ग्रुप के साथ पार्टनरशिप और ग्रुप को दिए गए लोन और भ्रष्टाचार के मामले में CBI अभी जांच कर रही हैं. सीबीआई ने हाल ही में चंदा कोचर के देवर से भी पूछताछ की थी. सूत्रों के मुताबिक, मामले में लगातार हो रहे डेवलपमेंट को देखते हुए बैंक के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स और नियुक्त डायरेक्टर्स के बीच एक अनौपचारिक बैठक हो सकती है. बैठक में स्टाफ के मनोबल और निवेशकों को भरोसे को लेकर भी चर्चा हो सकती है. वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड को चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है और उनकी पोजिशन को लेकर भी कोई खतरा नहीं दिखता.
10 दिन में बहुत कुछ बदल गया
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, बैंक के बोर्ड ने 28 मार्च को इस मामले में बैठक की थी, जिसके बाद उन्होंने चंदा कोचर पर पूरा भरोसा जताया था. 2 अप्रैल को भी इन्सॉल्वेंसी मामले की समीक्षा की गई थी. हालांकि, बोर्ड के कुछ डायरेक्टर्स इस बैठक का हिस्सा नहीं थे और न ही स्टॉक एक्सचेंज को पहले से इस संबंध में कोई जानकारी दी गई थी. सूत्रों के मुताबिक, पिछले 10 दिनों में काफी कुछ बदल चुका है. इस मामले में लुकआउट नोटिस भी जारी हुआ है. बोर्ड में भी एक नया सदस्य जुड़ा है. इन सभी मामलों पर बैठक में चर्चा हो सकती है. हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक ने अगले हफ्ते होने वाली किसी भी बैठक से इनकार किया है.
चंदा कोचर खुद छोड़ सकती हैं पद
मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि “बोर्ड ने जल्दबाजी की या फिर काफी वक्त लगाया में इस पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं. लेकिन, तथ्य यह है कि जांच की गई है और बोर्ड ने अपनी सीईओ पर भरोसा जताया है. हालांकि, कंपनी के हित को देखते हुए अगर चंदा कोचर खुद पद छोडती हैं तो यह उनका व्यक्तिगत फैसला होगा.
बोर्ड में किया गया बदलाव
चंदा कोचर के पद छोड़ने की अटकलों को और जोर इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि, सरकार ने हाल ही में बैंक के बोर्ड में अपने सदस्य को नियुक्त किया है. सरकार ने लोक रंजन को बैंक के फाइनेंशियल सर्विसेज विभाग का ज्वाइंट सेक्रेटरी नियुक्त किया है. वह 5 अप्रैल से अमित अग्रवाल की जगह ले चुके हैं. इससे साफ है कि सरकार इस मामले को लेकर सहज नहीं है. हालांकि, सरकार ने साफ तौर पर इस मामले में कुछ नहीं कहा है. उधर, बैंक अधिकारियों ने बोर्ड में बदलाव को रुटीन एक्सरसाइज बताया है.
बोर्ड पर नहीं है कोई दबाव
बैंक अधिकारियों का कहना है कि भाई-भतीजावाद के आरोप लगने के बावजूद चंदा कोचर अपना काम वैसे ही कर रही हैं जैसे पहले करती थीं. रोजाना की बिजनेस डीलिंग बिना किसी झिझक और घबराहट के कर रही हैं. सूत्रों की मानें तो बोर्ड पर दबाव है कि चंदा कोचर को पद से हटाया जाए. लेकिन, मामले से जुड़े बैंक के दो अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड पर ऐसा कोई दबाव नहीं है. सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग इस मामले में अभी जांच कर रहे हैं.