चिदंबरम से नहीं हटी मुसीबत, मुख्य न्यायाधीश ही करेंगे फैसला

नई दिल्‍ली। आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट से अग्रि‍म जमानत याचिका खारि‍ज होने के बाद उनकी गि‍रफ्तारी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई बुधवार को होगी। इस बीच सीबीआई की मंगलवार रात को टीम पी चिदंबरम के घर पर पहुंच गई।

कुछ समय बाद, ED के अधिकारियों की एक टीम भी उनके घर पर गई और वह पता लगाने में विफल रही। सीबीआई और ईडी की टीम ने वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की। इसके बाद रात करीब 11.30 बजे उनके घर पहुंची और नहीं मिलने पर नोटिस दो घंटे में पेश होने का नोटिस चिपकाया। जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों से बात करने से इनकार कर दिया।

– जस्टिस रमन्ना की तरफ से जवाब दिया गया कि ये बेंच सिर्फ मामले की लिस्टिंग पर सुनवाई कर रही है, ऐसे में वो किसी भी तरह का फैसला नहीं देंगे। फैसला सिर्फ और सिर्फ चीफ जस्टिस ही देंगे। अगर चीफ जस्टिस आदेश देते हैं तो वह इस मामले को सुन सकते हैं लेकिन अभी वह अयोध्या मसले को सुन रहे हैं इसलिए वह कोई आदेश पारित नहीं कर सकते हैं।

– सुप्रीम कोर्ट में पी. चिदंबरम की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। यानी उनकी याचिका में जो खामी थी वह अब दूर हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम की तरफ से दलील पेश कर रहे हैं।

– चिदंबरम के वकील कोर्ट रूम नंबर तीन में मौजूद हैं साथ ही सीबीआई की तरफ से भी वकीलों की टीम उपस्थित है।

– सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट में पी. चिदंबरम की तरफ से जो याचिका दायर की गई है, उसमें कुछ खामी है। ऐसे में गलत याचिका को CJI के सामने लिस्ट नहीं किया जा सकता है। अब पी. चिदंबरम के वकील इस खामी को दूर करने में लगे हैं, ताकि सुनवाई में किसी तरह की बाधा ना आ पाए।

– देश के सभी एयरपोर्ट को पी. चिदंबरम पर जारी लुकआउट सर्कुलर की जानकारी दी गई है। अगर पी. चिदंबरम देश से बाहर जाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें इजाजत नहीं जाएगी।

– सुप्रीम कोर्ट में ईडी और सीबीआई की तरफ से कैविएट दाखिल किया गया है कि अदालत उनकी दलील सुने बिना कोई फैसला ना सुनाए। कैविएट दाखिल करने का मकसद ये होता है कि अदालत सिर्फ याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनकर किसी तरह का फैसला ना दे दे, बल्कि उनकी भी दलील सुने। इस दौरान ED-CBI अदालत को बताएंगी कि पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी क्यों जरूरी है और उनकी जमानत याचिका क्यों रद्द होनी चाहिए।

– पी. चिदंबरम की याचिका पर आज ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। पी. चिदंबरम की जमानत का मसला अब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के सामने है। लेकिन वह अभी अयोध्या मसले को सुन रहे हैं, ऐसे में चीफ जस्टिस अब दोपहर बाद (लंच के समय) ही इस मसले को सुनेंगे और चिदंबरम को लेकर फैसला लेंगे।

– चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी…
सुप्रीम कोर्ट से पी. चिदंबरम को तुरंत गिरफ्तारी पर राहत मिलने से झटका लगा है। दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पी. चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। यानी अब पी. चिदंबरम अगर देश से बाहर जाने की कोशिश करेंगे तो एयरपोर्ट पर उन्हें पकड़ा जा सकता है।

– चिदंबरम के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। जस्टिस रमना की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस रमना ने कहा कि वह इस मामले पर कोई आदेश नहीं दे रहे हैं, इस मामले को वह चीफ जस्टिस के पास भेज रहे हैं। चीफ जस्टिस मामले को देखेंगे।

– सूत्रों की मानें तो सीबीआई और ईडी अदालत को बताएंगे कि पी. चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई अदालत को ये भी बताएगी कि उन्हें लगातार पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वह सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए।

– चिदंबरम के लिए देश के सीनियर वकीलों की टीम सुप्रीम कोर्ट में मौजूद है। चिदंबरम के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। जस्टिस रमना की कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई। 

– दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा अंतरिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पी. चिदंबरम के वकीलों ने स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) डाली है। हाई कोर्ट के आदेश से राहत देने की मांग की गई है। कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, विवेक तनखा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। थोड़ी देर में सुनवाई शुरू होगी।

 चिदंबरम के वकील ने लिखा सीबीआई को पत्र…
बुधवार सुबह पूर्व वित्‍त मंत्री के वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने जांच एजेंसी को पत्र लिखकर पूछा है, आपने मेरे मुवक्किल के घर के बाहर जो नोटिस चस्‍पा की है, उसमे यह नहीं बताया है कि आखिर उन्हें किस कानून के तहत दो घंटे के भीतर पेश होने के लिए कहा गया है।’ खुराना ने लिखा है, ‘मेरा मुवक्किल अपने कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहा है। उसने 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और इस मामले में अंतरिम राहत की अपील की है। उसे सुप्रीम कोर्ट में तत्‍काल विशेष अवकाश याचिका दायर करने की अनुमति मिली है। आज 21 अगस्त को सुबह 10.30 बजे कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा। लिहाजा मेरी अपील है कि तब तक सीबीआई मेरे मुवक्किल के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करे और इंतजार करे।’

– मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पी. चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे। बताया जा रहा है चिदंबरम को अगर सुप्रीम कोर्ट पहुंचते है तो सीबीआई टीम उन्हें वहीं पर गिरफ्तार कर सकती है।

– सीबीआई की टीम एक बार फिर पी. चिदंबरम के घर पहुंची है। बुधवार सुबह-सुबह सीबीआई की टीम पूर्व वित्त मंत्री के घर पहुंची। सीबीआई और ईडी कल रात से ही उनकी तलाश में हैं। चिदंबरम के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10.30 बजे सुनवाई होनी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिदंबरम का फोन स्विच ऑफ आ रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया है। इससे पहले मंगलवा को दिल्ली उच्च न्यायालय ने INX मीडिया मामले के संबंध में उनकी दोनों अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

बता दे, मंगलवार को चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा। हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस सुनिल गौर की सिंगल बेंच ये फैसला सुनाया है। यह अग्रिम जमानत याचिका चिदंबरम ने सीबीआई और ईडी के केस में दायर की थी। याचिका खारिज होते ही चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

गिरफ्तारी से बचने के लिए पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। चिदंबरम ने अपनी याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती है। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से जस्टिस रमन्ना के सामने मामले को बुधवार को रखने को कहा है।

बता दें, पिछले साल से ही चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट की अंतरिम रोक थी। इससे पहले CBI और ED ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था। हालांकि हाईकोर्ट ने चिदंबरम को निर्देश दिया था कि वह ED और CBI की जांच में सहयोग करें और बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर ना जाएं।

क्या है मामला…

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था। ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति केबिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी। वहीं INX मीडिया हेराफेरी मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर हेराफेरी करने का आरोप है।

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