चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच लेह पहुंचे पीएम मोदी

नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को लेह पहुंचे हैं। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद थे। पीएम ने इस दौरान सुरक्षा हालातों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह दौरा हिंसक संघर्ष के बमुश्किल 18 दिन बाद किया है। सूत्रों ने बताया कि मोदी अलसुबह लद्दाख पहुंचे। समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक दुर्गम इलाके नीमू में उन्हें सेना, वायु सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर सारी जानकारियां दी गईं। यह इलाका सिंधु के तट पर जांस्कर रेंज से घिरा हुआ है।

प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह के सैन्य अस्पताल में घायल सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। जनरल रावत पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ तीनों सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करेंगे, साथ ही गतिरोध के चारों बिंदुओं पर प्रस्तावित डी-एस्केलेशन और विघटन प्रक्रिया को समझेंगे।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लद्दाख की अपनी यात्रा को रद्द करने के ठीक एक दिन बाद यहां मोदी का दौरा हुआ है। सिंह को शुक्रवार को सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का दौरा करना था। 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा किए गए बर्बर हमले के दौरान घायल हुए सैनिकों के साथ भी वे बातचीत करने वाले थे। इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हुए और चीनी सेना के भी कई लोग हताहत हुए, लेकिन चीन ने अब तक आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है।

इस हमले के दो दिन बाद 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गलवान घाटी में लड़ाई के दौरान शहीद हुए 20 सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाए जाने पर वह मुंहतोड़ जबाव” देगा। मोदी ने कहा था, भारत की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए सर्वोच्च है और कोई भी हमें इसका बचाव करने से नहीं रोक सकता है। किसी को भी इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। भारतीय सैनिक मारते मारते मरे हैं।

मोदी ने यह भी कहा कि पूरा देश उन लोगों के परिवारों के साथ है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने आगे कहा था, “भारत अपने क्षेत्र के प्रत्येक इंच की रक्षा करेगा। भारत एक शांतिप्रिय देश है जिसने हमेशा पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखने की कोशिश की है।

नीमू पोस्ट पर सुरक्षा हालात को लेकर की वार्ता

पीएम मोदी ने सुबह लेह में नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पर सीनियर अधिकारियों से मौजूदा हालातों की जानकारी ली। पीएम ने सेना, वायुसेना के अफसरों से बातचीत की। नीमू पोस्ट समुद्री तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है, जिसे दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन बाद में खबर आई की उनका दौरा कैंसिल हो गया है। फिर तय हुआ कि सिर्फ बिपिन रावत ही लेह जाएंगे। लेकिन आज सुबह अचानक पीएम मोदी भी सीडीएस रावत के साथ लेह पहुंच गए।

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