चीन के साथ सीमा विवाद पर नए दौर की वार्ता के बाद भारत ने कहा- जारी रहेंगी बैठकें
भारत और चीन के बीच सोमवार को एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए हुई सातवें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की बैठक में दोनों देश कूटनीतिक और सैन्य संवाद जारी रखने पर सहमत हुए। भारत सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सैन्य वार्ता के बाद भारतीय सेना ने कहा- “वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच गंभीर, व्यापक और रचनात्मक बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने रचनात्मक चर्चा की और इस दौरान एक दूसरे की स्थिति के प्रति आपसी समझ बढ़ी।”
भारतीय सेना ने कहा- एलएसी पर भारत की तरफ चुशुल में हुई कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान भारत और चीन, सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से संवाद और संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए। भारत चीन वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि यथाशीघ्र सैनिकों के पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकालने के वास्ते संवाद बनाये रखा जाएगा। भारतीय सेना ने आगे कहा- भारत और चीन अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण समझ को गंभीरतापूर्वक क्रियान्वित करने पर सहमत है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थिति को संबोधित करने के लिए कोर कमांडर स्तर की बैठक 11 घंटे से अधिक समय तक चली और सोमवार को लगभग रात 11:30 बजे समाप्त हुई। सातवें दौर की सैन्य वार्ता में बीजिंग से अप्रैल पूर्व की यथास्थिति बहाल करने और विवाद के सभी बिन्दुओं से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी करने को कहा। सरकारी सूत्रों ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में कोर कमांडर स्तर की वार्ता दोपहर लगभग 12 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल क्षेत्र में भारतीय इलाके में हुई और रात साढ़े आठ बजे के बाद भी जारी रही।
सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है और विवाद का जल्द समाधान होने के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी है। भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव कर रहे रहे थे।