चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने लद्दाख में बढ़ाई ताकत, 4 डिवीजन आर्मी तैनात
नई दिल्ली: लद्दाख (Ladakh) में भारतीय सेना (Indian Army) अपनी सबसे बड़ी सैनिक तैनाती कर रही है. चीन की तरफ से तैनाती के जवाब में भारतीय सेना ने लद्दाख में एक और डिवीजन तैनात कर दी है. इस डिवीजन की तैनाती के बाद केवल पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की कुल चार डिवीजन हो गई हैं. मई से पहले इस इलाके में केवल एक डिवीजन तैनात थी.
एक डिवीजन में 15 से 20 हजार तक सैनिक होते हैं. सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से ले जाई गई ये नई डिवीजन पूर्वी लद्दाख में तैनात रहेगी. इसके साथ इसका तोपखाना भी लद्दाख पहुंचेगा. चीन ने एलएसी के पार अपने सैनिकों की तैनाती में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है. लद्दाख में चीन से लगती हुई 856 किमी की सीमा है जो काराकोरम पास से शुरू हो कर दक्षिण लद्दाख में चुमुर तक जाती है. एलएसी के शुरुआती हिस्से यानी काराकोरम पास से लेकर दौलत बेग ओल्डी, डेपसांग प्लेन, गलवान घाटी, पेंगांग झील, डेमचौक, कोइल और चुमुर तक हर जगह चीन की तरफ से घुसपैठ की आशंका है. इसलिए भारतीय सेना एलएसी का कोई भी हिस्सा असुरक्षित नहीं छोड़ना चाहती है.
इससे पहले मई में तनाव शुरू होने के तुरंत बाद ही उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से दो माउंटेन डिवीजनों को लद्दाख में तैनात कर दिया गया था. इनके सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में अच्छे तरीके से एक्लमटाइज (Acclemtized) किया गया और इसके बाद उन्हें जरूरी जगहों पर तैनात किया गया. चीन के साथ तनाव दो महीने बाद भी कम नहीं हुआ है बल्कि चीन की तरफ से और ज्यादा सैनिकों, टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों की तैनाती की खबरें आ रही हैं. इसके बाद ही भारतीय सेना ने लद्दाख में सैनिकों की तादाद बढ़ाने का फैसला लिया है. मई से पहले लेह के पास तैनात एक डिवीजन ही सियाचिन से लेकर चुमुर तक के पूरे इलाके की निगरानी करती थी. लेह स्थित 14वीं कोर सेना की इकलौती ऐसी कोर है जिसके पास पाकिस्तान और चीन दोनों ही देशों के साथ लगती सीमा है. पाकिस्तान के साथ लगने वाले करगिल, द्रास जैसे इलाकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी 8वीं डिवीजन के पास है और चीन की सरहद की सुरक्षा की जिम्मेदारी 3 डिवीजन के पास.