चुनावी हार के लिए अकेले गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं-मल्लिकार्जुन खड़गे
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस (Congress) के खराब प्रदर्शन पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि कांग्रेस के चुनावी प्रदर्शन के लिए सिर्फ गांधी परिवार को दोष देना ठीक नहीं है. क्योंकि इसके लिए पार्टी के सभी नेता जिम्मेदार हैं. खड़गे ने कहा कि हाल ही में जी-23 नेताओं और फिर सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस को साथ रखने की बात कही है और यह एक अच्छा संकेत है.
गुलाम नबी की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्कुन खड़गे ने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद सालों से पार्टी में हैं. वह सब कुछ जानते हैं. उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने पार्टी को साथ रखने की बात कही है. यह एक अच्छा संकेत है. वह पार्टी को मजबूत बनाना चाहते हैं. यह एक स्वागत योग्य स्टैंड है.’ खड़गे ने कहा, ‘हम हमेशा चाहते हैं कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी नेता एक साथ आएं. हम सभी जिम्मेदार हैं. अकेले गांधी परिवार का जिक्र करना सही नहीं है.’
सोनिया गांधी ने की थी इस्तीफे की पेशकश
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि अभी नेतृत्व परिवर्तन कोई मुद्दा नहीं है. सोनिया गांधी के साथ बैठक में आजाद ने सिर्फ संगठन को मजबूत बनाने तथा आगे के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर अपने सुझाव दिए. आजाद का यह बयान कुछ दिनों पहले ही ‘जी 23’ के उनके साथी कपिल सिब्बल द्वारा एक साक्षात्कार यह कहे जाने के बाद आया कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए.
राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन सभी नेताओं ने कहा कि वह पद पर बनी रहें. उन्होंने यह भी कहा कि अध्यक्ष का चुनाव कुछ महीने बाद होना है और पार्टी के कार्यकर्ता इस बारे में फैसला करेंगे. सोनिया गांधी के आवास पर मुलाकात के बाद आजाद ने मीडिया से कहा, ‘संगठन को मजबूत बनाने के लिए सोनिया गांधी जी से चर्चा होती रही है. कुछ दिनों पहले कार्य समिति की बैठक हुई थी और कार्य समिति से सुझाव मांगे गए थे कि हार के क्या कारण हैं और कैसे पार्टी को मजबूत करना है. मैंने भी अपने सुझाव दिए थे. आज मैंने संगठन को मजबूत करने के लिए अपने सुझावों को दोहराया है.’
विरोधियों का एकजुट होकर किया जाए मुकाबला
उन्होंने यह भी कहा, ‘आने वाले विधानसभा चुनाव में कैसे अपने विरोधियों का एकजुट होकर मुकाबला किया जाए और किस तरह से संगठन को मजबूत किया जाए, यही चर्चा हुई. इसके अलावा कुछ बात नहीं हुई.’ जी 23 समूह की मांगों को लेकर उन्होंने कहा, ‘पार्टी में कुछ मांगें होती हैं, वो सार्वजनिक रूप से नहीं होती हैं. वह कांग्रेस की अध्यक्ष हैं हम लोग कांग्रेस के नेता हैं.’
कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आजाद की मुलाकात से एक दिन पहले गुरुवार को इस समूह के सदस्य भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के साथ उनकी एक घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के दौरान हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा हुई. राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था.