नरेंद्र मोदी सरकार ने सभी को चौंकाते हुए जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को लोकसभा उपाध्यक्ष पद की पेशकश की है। लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 22 पर कब्जा जमाया था। यही नहीं विधानसभा की कुल 175 सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 151 सीटों पर कब्जा जमाया है। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी मात्र 23 सीटों पर सिमट गयी जिसका गम तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख को खाये जा रहा है।आंध्र प्रदेश की सत्ता हासिल करने के बाद से जगन मोहन रेड्डी मोदी सरकार के काफी करीब दिख रहे हैं। पहले भी ऐसी चर्चा थी कि जगन मोहन की पार्टी को अंदरखाने भाजपा का समर्थन हासिल है। जगन मोहन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद जगन मोहन प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पहली बार आंध्र प्रदेश के दौरे पर पहुँचे तो मुख्यमंत्री ने एअरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाँव छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया। प्रधानमंत्री तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शनों के लिए गये तो जगन मोहन उनके साथ ही रहे।
जगन मोहन ने लोकसभा चुनावों के बाद कहा भी था कि यदि भाजपा 250 सीटों पर अटकती तो मैं आंध्र प्रदेश के लिए केंद्र सरकार से कुछ ज्यादा ले पाता। लेकिन केंद्र सरकार ने जगन मोहन को पूरा भरोसा दिलाया है कि आंध्र प्रदेश की यथासंभव मदद की जाती रहेगी। अब राजनीतिक रूप से भाजपा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के करीब आने का काम कर रही है और इसी कड़ी में राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव को दूत बनाकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलने भेजा गया।
जीवीएल नरसिम्हा राव ने जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात कर उन्हें भाजपा का वह प्रस्ताव सौंपा है जिसमें लोकसभा उपाध्यक्ष पद की पेशकश उनकी पार्टी को की गयी है। जगन मोहन ने इस प्रस्ताव पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और विचार के लिए कुछ समय मांगा है। वह पार्टी के नेताओं से विचार-विमर्श कर इस बारे में कोई फैसला लेंगे। गौरतलब है कि जगन मोहन रेड्डी की पार्टी को जो अप्रत्याशित जीत मिली है उसमें मुस्लिम और इसाई मतदाताओं का बड़ा जनसमर्थन भी शामिल रहा है। जगन मोहन कोई भी फैसला करने से पहले यह देख लेना चाहते हैं कि भाजपा या राजग के साथ जाने से कोई वर्ग उनसे नाराज तो नहीं हो जायेगा।हालांकि लोकसभा उपाध्यक्ष पद संबंधी प्रस्ताव पर जीवीएल नरसिम्हा राव ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है और बस इतना ही कहा है कि वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिष्टाचार के नाते मुलाकात करने आये थे और इस मुलाकात के दौरान राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई।वैसे लोकसभा उपाध्यक्ष के पद पर शिवसेना भी अपना दावा ठोंक चुकी है। बीच में ऐसी भी खबरें थीं कि उपाध्यक्ष का पद अन्नाद्रमुक या जदयू को दिया जा सकता है क्योंकि इन पार्टियों के किसी सांसद को केंद्र में मंत्री पद नहीं दिया गया है। इस तरह की भी खबरें थीं कि भाजपा यह पद बीजू जनता दल को दे सकती है लेकिन पार्टी ने आंध्र प्रदेश के राजनीतिक पटल पर तेजी से छायी वाईएसआर कांग्रेस के करीब जाना ज्यादा मुफीद समझा। अब देखना यह है कि जगन मोहन रेड्डी क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की ओर से की गयी पेशकश को स्वीकार करते हैं ? जगन मोहन जिस तरह हर जाति तथा वर्ग को अपनी सरकार में पद देकर खुश करने का प्रयास कर रहे हैं उसमें वह कोई ऐसा रिस्क नहीं लेना चाहेंगे जोकि आंध्र के राजनीतिक माहौल को बदल दे।