जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द राजनीतिक गतिविधियां बहाल होनी चाहिये: राम माधव
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 100 से अधिक दिन बीतने का जिक्र करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने मंगलवार को कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश में ‘‘जल्द से जल्द’’ राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के पक्ष में हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर विभिन्न वर्गों की मांगों पर कहा कि ये मांगें संविधान के दायरे के भीतर होनी चाहिए। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से इसके पक्ष में हूं, कम से कम अब फैसला किए हुए तकरीबन 100 दिन हो चुके हैं तो घाटी में कुछ हद तक राजनीतिक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए।’’
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव माधव ने कहा, ‘‘मैं अपनी पार्टी में भी इसके बारे में बात कर रहा हूं। उम्मीद है कि हम इस बारे में कुछ कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू में सामान्य राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं। यह पूछे जाने पर कि कश्मीर में एहतियातन हिरासत में लिये गए नेताओं को रिहा करने से सरकार को क्या चीज रोक रही है, इस पर उन्होंने कहा कि चाहे सरकार अपना रुख बताए या न बताए लेकिन ‘‘इसमें कोई शक’’ नहीं है कि जिस दिन ये नेता बाहर आ जाएंगे उस दिन वे निश्चित तौर पर प्रदर्शनों का नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित ‘अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर’ पर एक चर्चा में कहा, ‘‘जब भी पहला अवसर आएगा तो नयी तरह की राजनीतिक गतिविधियां बहाल होंगी। मैं बहुत उत्सुक हूं कि अवसर जल्द से जल्द आए।’’ भाजपा नेता ने स्पष्ट किया दिल्ली से कोई नया राजनीतिक वर्ग पैदा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली से नया राजनीतिक वर्ग तैयार करने के सवाल पर मैं स्पष्ट कर दूं कि हमारी तरफ से ऐसा कुछ नहीं हो रहा। हम घाटी में विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी नेताओं का बड़ा सम्मान करते हैं। मैंने पहले भी कहा है कि जल्द से जल्द वे अपनी राजनीतिक गतिविधि बहाल करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कोई भी नेता पैदा नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें लोगों का भरोसा जीतना होता है। माधव ने कहा, ‘‘चाहे उमर अब्दुल्ला हो, चाहे महबूबा मुफ्ती हो, एक बार जब उन्हें वापस आने और अपनी राजनीतिक गतिविधि बहाल करने का मौका मिलेगा तो मुझे भरोसा है कि वे प्रदेश की राजनीति में भूमिका अदा करेंगे।’’ इस चर्चा में भाग लेते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने कश्मीर में राजनीतिक नेताओं को एहतियातन हिरासत में लेने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘इससे निश्चित तौर पर सवाल पैदा होता है : आप किस मानदंड का इंतजार कर रहे हैं? क्योंकि याद रखिए कि कोई वस्तुनिष्ठ बाधाएं नहीं थी जिसके चलते सबसे पहले गिरफ्तारी की गई।’’
थरूर ने कहा कि जब इन नेताओं को रिहा किया जाएगा तो प्रदर्शन अब से तीन महीने बाद भी उतने ही होंगे जितना तीन महीने पहले उन्हें रिहा करने पर होते। क्षेत्र में स्थिति के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात काफी खराब हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगस्त में क्या हुआ और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय रूप से हमें काफी नुकसान हुआ। हमें अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए अथक प्रयास करने होंगे। जो आधार हमने खोया है वह बहुत गंभीर है।’’ इसका विरोध करते हुए माधव ने कहा कि तकरीबन 200 नेता हिरासत में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि पूरे कश्मीर में ये 200 नेता ही हैं। नहीं? कई नेता बाहर हैं।’’