जम्मू-कश्मीर में पूरी स्थिति सामान्य हो चुकी है, राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने गिनाया 1-1 आंकड़ा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पूरी स्थिति सामान्य हो चुकी है। बुधवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर हुई चर्चा के दौरान अमित शाह ने राज्यसभा सांसद मजीद मेमन के पूछे गए सवाल के जवाब में यह बयान दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में एक भी व्यक्ति की जान पुलिस की गोली से नहीं गई है और सीआरपीसी के तहत लगाए गए सारे प्रतिबंध 195 पुलिस थानों में पूरी तरह से खत्म कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाने का फैसला किया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में इस साल पत्थरबाजी की घटना में पिछले साल के मुकाबले काफी कम हुई हैं, उन्होंने बताया कि पिछले साल 802 पत्थरबाजी घटनाएं हुई थी और इस बार 544 घटनाएं हुई हैं। घाटी में स्कूलों के खुलने के बारे में गृह मंत्री ने बताया कि सभी 20411 स्कूल खुले हैं और उन स्कूलों में परीक्षा सुचारू रूप से ली जा रही है। गृह मंत्री ने बताया कि 11वीं कक्षा के 99.48 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है और 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 99.7 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है।
जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में गृह मंत्री ने बताया कि घाटी के सभी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र खुले हैं। जरूरी वस्तुओं की सप्लाई को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि पेट्रोल डीजल, केरोसीन और चावल की सप्लाई पिछले साल के मुकाबले 8-16 प्रतिशत अधिक। सेब की फसल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अभी तक काफी मात्रा में सेब बाहर निकल चुका है इस साल 22.58 लाख टन संभावना है उपज की, नाफेड ने इस साल सेब बगवानों से 6 हजार टन से ज्यादा सेब खरीदा है।
टेलिफोन और मोबाइल सेवा के बारे में गृह मंत्री ने बताया कि घाटी में सभी 93247 लैंडलाइन फोन खुल चुके हैं साथ ही 59 लाख मोबाईल पूरे चालू हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जब गृह मंत्री के इन आंकड़ों पर सवाल उठाया तो गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने को लेकर सरकार ने जो आंकड़े पेश किए हैं उनको अगर वे चैलेंज करना चाहते हैं तो रिकॉर्ड पर चैलेंज करें और मैं (गृह मंत्री) जिम्मेदारी के साथ बोलता हूं कि मैं इनके लिए जिम्मेदार होऊंगा।